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25-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “सच्चाई और पवित्रता का गुण धारण करो तो सेवा में सफलता मिलती रहेगी”

जो बच्चे दूर बैठे भी सदा बाप की दिल के समीप हैं उन्हें सहयोग का अधिकार प्राप्त है और अन्त तक सहयोग मिलता रहेगा। बाप कम्बाइन्ड है इसलिए सदा उमंग-उत्साह से तीव्र पुरूषार्थी बन आगे बढ़ते रहना। कमजोरी वा दिलशिकस्त-पन बाप के हवाले कर दो, अपने पास सिर्फ...

24-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बच्चे मुझे याद करो और नॉलेज को धारण कर दूसरों की सेवा करो”

नेचरल योगी बनने के लिए मन और बुद्धि को व्यर्थ से बिल्कुल फ्री रखो। इसके लिए नॉलेजफुल के साथ-साथ पावरफुल बनो।ज्ञान अर्थात् समझ और समझदार उसको कहा जाता है जिसे समझना भी आता हो, मिटाना और परिवर्तन करना भी आता हो। तो जब व्यर्थ वृत्ति, व्यर्थ वायब्रेशन स्वाहा करो...

23-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “आसुरी सोसायटी को दैवी सोसायटी बनाने की सेवा करो”

जैसे वाणी द्वारा सेवा करते हो ऐसे वाणी के साथ वृत्ति द्वारा सेवा करो तो फास्ट सेवा होगी क्योंकि बोल तो समय पर भूल जाते हैं लेकिन वायब्रेशन के रूप में मन और बुद्धि पर छाप लग जाती है।इसलिए मन-बुद्धि को व्यर्थ वायब्रेशन से मुक्त रखो - तब डबल...

22-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “पुरुषार्थ कर सर्वगुण सम्पन्न बनना है दैवीगुण धारण करने हैं”

एक ‘मैं' शब्द ही उड़ाने वाला है और ‘मैं' शब्द ही नीचे ले आने वाला है। मैं कहने से ओरीज्नल निराकार स्वरूप याद आ जाये, यह नेचुरल हो जाए, देह भान का मैं समाप्त हो जाए तो देह के बंधन से मुक्त बन जायेंगे क्योंकि मैं निराकारी आत्मा हूँ,...