8-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli: “Father has come to decorate you with the real decoration of knowledge and yoga”
To make a big thing small or to make a small thing big is in your own hands.By staying in your original stage, even big situations will appear to be small and it will be easy for you to gain victory over them. At the right time, remember that...
8-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “बाप आये हैं तुम्हारा ज्ञान-योग से सच्चा श्रृंगार करने”
कोई भी बड़ी बात को छोटा बनाना या छोटी बात को बड़ा बनाना अपने हाथ में हैं। स्व-स्थिति में रहने से बड़ी परिस्थिति भी छोटी लगेगी और उस पर विजय पाना सहज हो जायेगा। समय पर याद आये कि मैं कल्प-कल्प का विजयी हूँ तो इस निश्चय से विजयी...
7-08-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:18-12-1991: “love for the Father is to become equal”
A true server is someone who serves with the consciousness of total surrender. Let there not be the slightest consciousness of “mine” in service. However, wherever you stay, always have the consciousness: “I am an instrument and this is not my home, but a place for doing service”. By...
7-8-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:18-1-1992: “स्नेह की निशानी – बाप समान बनना”
सच्चे सेवाधारी वह हैं जो समर्पण भाव से सेवा करते हैं। सेवा में जरा भी मेरे पन का भाव न हो। जहाँ मेरा पन है वहाँ सफलता नहीं। लेकिन कहाँ भी रहते सदा स्मृति रहे कि मैं निमित्त हूँ, यह मेरा घर नहीं लेकिन सेवा-स्थान है तो समर्पण भाव...
6-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli: “This is a confluence of the Father the Ocean of Knowledge and the Brahmaputra River”
The children who finish their weak attitudes and make a vow to have a pure and elevated attitude see this world as elevated. To have an elevated attitude means that your words and actions will naturally be elevated. The vibrations and atmosphere are created by your attitude. Those who...
6-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “ज्ञान सागर बाप और ब्रह्म-पुत्रा नदी का यह संगम”
जो बच्चे अपनी कमजोर वृत्तियों को मिटाकर शुभ और श्रेष्ठ वृत्ति धारण करने का व्रत लेते हैं, उन्हें यह सृष्टि भी श्रेष्ठ नज़र आती है। वृत्ति श्रेष्ठ होना माना वाणी और कर्म स्वत: श्रेष्ठ होना। वृत्ति से ही वायब्रेशन, वायुमण्डल बनता है। श्रेष्ठ वृत्ति का व्रत धारण करने वाले...
5-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli: “Very little time left therefore do spiritual business”
The biggest weakness is body consciousness. The subtle progeny of body consciousness is very big. To sacrifice body consciousness means to surrender the slightest trace (ansh) and also its progeny (vansh). Only those who make such a sacrifice become exceedingly strong.– Om Shanti....
5-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “समय बहुत थोड़ा है इसलिए रूहानी धन्धा करो”
सबसे बड़ी कमजोरी है देह-अभिमान। देह-अभिमान का सूक्ष्म वंश बहुत बड़ा है। देह-अभिमान की बलि चढ़ाना अर्थात् अंश और वंश सहित समर्पित होना। ऐसे बलि चढ़ाने वाले ही महाबलवान बनते हैं।- ओम् शान्ति।...
4-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “तुम्हें बाप समान रूप बसन्त बनना है”
सबसे सहज और निरन्तर याद का साधन है-सदा बाप के साथ का अनुभव हो। साथ की अनुभूति याद करने की मेहनत से छुड़ा देती है। तो हर कर्म में बाप ऐसा साथी है जो मुश्किल को भी सहज करने वाला है। ऐसे साथी के साथ का सदा अनुभव होता...
4-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli: “become rup and basant same as the Father.”
The easiest and constant means of having remembrance is constantly to experience the Father’s company. The experience of His company liberates you from having to work hard.If you constantly continue to experience the company of this Companion you will become an embodiment of success. – Om Shanti....