31-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “सबको बाप का परिचय देना है”
महानता की निशानी निर्मानता है। जितना महान उतना निर्मान क्योंकि सदा भरपूर हैं। जैसे वृक्ष जितना भरपूर होगा उतना झुका हुआ होगा। तो निर्मानता ही सेवा करती है और जो निर्मान रहता है वह सर्व द्वारा मान पाता है। - ओम् शान्ति।...
30-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “The Father has come from the faraway land to establish both a religion and a kingdom.”
The victory of the children who are full of all the powers and have intellects full of faith have guaranteed.You have all the powers. You constantly have the greatest, imperishable wealth with you. Therefore, you have the power of wealth, you also have the powers of wisdom and position,...
30-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “दूरदेश से बाप आये हैं धर्म और राज्य दोनों की स्थापना करने”
सर्व शक्तियों से सम्पन्न निश्चयबुद्धि बच्चों की विजय निश्चित है ही। आपके पास तो सब शक्तियां हैं। सबसे बड़ा धन अविनाशी धन सदा साथ है, तो धन की भी शक्ति है, बुद्धि और पोजीशन की भी शक्ति है, इन्हें सिर्फ यूज़ करो, स्व के प्रति कार्य में लगाओ तो समय...
29-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “कोई कितना भी गुणवान हो – मीठा हो – धनवान हो तुम्हें उसकी तरफ आकर्षित नहीं होना है”
ब्राह्मण जीवन का आधार है याद और सेवा। इसलिए याद और सेवा दोनों में तीव्रगति चाहिए। याद और नि:स्वार्थ सेवा है तो मायाजीत बनना बहुत सहज है फिर हर कर्म में विजय दिखाई देगी। - ओम् शान्ति। ...
29-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “No matter how virtuous – sweet or wealthy someone is you must not be attracted to anyone.”
The basis of your Brahmin life is having remembrance and doing service. there has to be a fast speed in both your remembrance and the service you do. When there is remembrance and altruistic service, it is then very easy to become a conqueror of Maya and you would...
28-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You are studying a very high study with the unlimited Father.”
The five vices are like a poisonous snake for people, but for you yogi and tapaswi souls, this snake becomes a garland around your necks. This is why they have portrayed a snake as a garland around the neck in the memorial of the bodiless and tapaswi Shankar...
28-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बेहद के बाप से तुम बहुत ऊंची पढ़ाई पढ़ रहे हो”
ये पांच विकार लोगों के लिए जहरीले सांप हैं लेकिन आप योगी तपस्वी आत्माओं के लिए ये सांप गले की माला बन जाते हैं इसलिए आप ब्राह्मणों के और ब्रह्मा बाप के अशरीरी, तपस्वी शंकर स्वरूप के यादगार में सांपों की माला गले में दिखाते हैं। तो जब विकारों...
27-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You know that you hear this knowledge from the Innocent Lord every 5000 years and change from human beings into deities.”
Yogi souls and most elevated souls can never be influenced by matter. You Brahmin souls are the most elevated, yogi souls and matter is the servant of you masters.Let the facilities not be the basis of your spiritual endeavour, but let your spiritual endeavour make the facilities support you...
27-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम जानते हो हर 5 हजार वर्ष बाद भोलानाथ बाप द्वारा हम यह ज्ञान सुनकर मनुष्य से देवता बनते हैं”
कभी भी योगी पुरूष वा पुरूषोत्तम आत्मायें प्रकृति के प्रभाव में नहीं आ सकती। आप ब्राह्मण आत्मायें पुरूषोत्तम और योगी आत्मायें हो, प्रकृति आप मालिकों की दासी है साधन, साधना का आधार न हों लेकिन साधना, साधनों को आधार बनाये तब कहेंगे प्रकृतिजीत, विजयी आत्मा।- ओम् शान्ति।...
26-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “To stop studying means to leave the Father.”
Just as you are capable of having yoga and conducting yoga, in the same way, become just as capable in experimenting with yoga. First of all, experiment with the power of yoga on your sanskars because your elevated sanskars are the foundation for the creation of the elevated world....