Tag: Ishwariya Gyan

16-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

आपका एक शुद्ध वा श्रेष्ठ शक्तिशाली संकल्प बहुत कमाल कर सकता है। शुद्ध संकल्पों का बंधन वा घेराव कमजोर आत्माओं के लिए छत्रछाया बन, सेफ्टी का साधन वा किला बन जाता है। यदि दृढ़ संकल्प करो तो आपका साथी स्वयं बाप है, विजय का तिलक सदा है ही सिर्फ...

16-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

One pure, elevated and powerful thought of yours can perform great wonders. A bond of pure thoughts, and of being surrounded by pure thoughts, becomes a canopy of protection for weak souls; it becomes a means of safety or a fortress. if you have determined thoughts, then God, Himself,...

15-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

The easy way to have a constant and stable stage is to have remembrance of the One. One Baba and none other. To remember the one Father means to become an embodiment of the essence. So, the one Father and none other: this remembrance of One will make your...

15-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

एकरस स्थिति में रहने की सहज विधि है एक की याद। एक बाबा दूसरा न कोई। एक बाप को याद करना अर्थात् सार स्वरूप बनना। तो एक बाप, दूसरा न कोई - यह एक की याद एकरस स्थिति बनाती है। जो एक सुखदाता बाप की याद में रहते हैं...

14-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Let go of any limited supports which you have made your support. As long as you have those supports,Limited things are deceptive and so, as you can see the fast speed of time, fly fast above those limited shores and cross them in a second. You will then be...

14-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

अल्पकाल के आधारों का सहारा, जिसको किनारा बनाकर रखा है। यह अल्पकाल के सहारे के किनारे अभी छोड़ दो। अल्पकाल की बातें धोखेबाज हैं, इसलिए समय की तीव्रगति को देख अब इन किनारों से तीव्र उड़ान कर सेकण्ड में क्रॉस करो - तब कहेंगे यथार्थ पुरूषार्थी। - ॐ शान्ति।...

13-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli, Revised;10/01/90.

Only those who see the Father and follow the Father are constantly free from obstacles. Therefore, by following the Father, make your sanskars the same as the Father’s and, by performing the dance of harmonising sanskars, you will constantly be free from obstacles. With your power of silence, that...

13-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली, रिवाइज: 10/01/90.

सदा निर्विघ्न वही रह सकता है जो सी फादर, फालो फादर करता है। अब बाप को फालो करते हुए बाप समान संस्कार बनाओ तो संस्कार मिलन की रास करते हुए सदा निर्विघ्न रहेंगे। शान्ति की शक्ति से अथवा शान्त रहने से कितना भी बड़ा विघ्न सहज समाप्त हो जाता...

12-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

At the confluence age, all of you children receive the treasure of happiness from the Father. For this, no matter what happens, even if you have to shed your body, do not let go of your treasure of happiness. Constantly keep the awareness of having all attainments and sadness...

12-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

संगमयुग पर सभी ब्राह्मण बच्चों को बाप द्वारा खुशी का खजाना मिलता है, इसलिए कुछ भी हो जाए - भल यह शरीर भी चला जाए लेकिन खुशी के खजाने को नहीं छोड़ना। सदा सर्व प्राप्तियों की स्मृति में रहना तो उदासी को तलाक मिल जायेगी। - ॐ शान्ति ...