Tag: Ishwariya Gyan

16-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

कोई भी कमजोरी तब आती है जब सत के संग से किनारा हो जाता है और दूसरा संग लग जाता है। इसलिए भक्ति में कहते हैं सदा सतसंग में रहो। सतसंग अर्थात् सदा सत बाप के संग में रहना।तो सदा सतसंग में रह कमजोरियों को समाप्त करने वाले सहज...

16-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

Any weakness comes when you step away from the Truth and become engaged in other company. This is why they say in devotion: Constantly stay in the company of the Truth. The company of the Truth means to stay constantly in the company of the true Father. So, stay...

15-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

No matter how many colours Maya shows you, observe the games of Maya with this awareness: “I am the Lord of Maya, Maya is the creation and I am a master creator”. Do not be defeated in the games. Be a detached observer and continue to see the games...

15-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

माया कितने भी रंग दिखाये, मैं मायापति हूँ, माया रचना है, मैं मास्टर रचयिता हूँ - इस स्मृति से माया का खेल देखो, खेल में हार नहीं खाओ। साक्षी बनकर मनोरंजन समझकर देखते चलो तो फर्स्ट नम्बर में आ जायेंगे।सदा साक्षी और सदा बाप के साथ की स्मृति से...

14-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

The mind and intellect of the children who maintain the awareness of belonging to the one Father and none other easily become concentrated. They do service as instruments and so they do not have any attachment to it.Therefore, hand over all your responsibilities to the Father and look after...

14-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो बच्चे सदा एक बाप दूसरा न कोई - इसी स्मृति में रहते हैं उनका मन-बुद्धि सहज एकाग्र हो जाता है। वह सेवा भी निमित्त बनकर करते हैं इसलिए उसमें उनका लगाव नहीं रहता। इसलिए सब जिम्मेवारियां बाप को अर्पण कर ट्रस्टी वा निमित्त बनकर सम्भालो तो लगावमुक्त बन...

13-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

Those with the personality and royalty of purity cannot touch anything bad with their minds or intellects. So, do not touch anything bad even with your thoughts. This indicates a complete Vaishnav and a successful tapaswi. – Om Shanti....

13-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

पवित्रता की पर्सनैलिटी व रायॅल्टी वाले मन-बुद्धि से किसी भी बुराई को टच नहीं कर सकते।तो किसी भी बुराई को संकल्प में भी टच न करना - यही सम्पूर्ण वैष्णव व सफल तपस्वी की निशानी है। - ओम् शान्ति।...

“इस अविनाशी ज्ञान पर अनेक नाम धरे हैं”

मनुष्य का पहला क्या फर्ज है, वो तो कोई नहीं जानता, बस इतना ही प्रचार करते हैं कि मर्यादा में रहो, मगर इतना भी नहीं जानते कि मनुष्य की पहली मर्यादा कौनसी है? .... - ओम् शान्ति।...