28-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “सबको बाप का परिचय दे सुखदाई बनाओ”
दुनिया में हंगामा हो, झगड़े हो रहे हो, ऐसे अशान्ति के समय पर आप मास्टर शान्ति दाता बन औरों को भी शान्ति दो, घबराओ नहीं क्योंकि जानते हो जो हो रहा है वो भी अच्छा और जो होना है वह और अच्छा। - ओम् शान्ति।...
28-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Give everyone the Father’s introduction and make them into bestowers of happiness.”
There is upheaval and fighting taking place in the world. At such a time of peacelessness, become master bestowers of peace and donate peace to others. Do not be afraid because you know that whatever happens is good and that whatever is going to happen will be even better....
27-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “कभी मदभेद में आकर पढ़ाई मत छोड़ो”
जो स्वमान में स्थित रहते हैं उन्हें कभी भी हद का मान प्राप्त करने की इच्छा नहीं होती। एक स्वमान में सर्व हद की इच्छायें समा जाती हैं, मांगने की आवश्यकता नहीं रहती और स्वमान सर्व इच्छाओं को सहज ही सम्पन्न कर देता है इसलिए स्वमानधारी बनो तो सर्व...
27-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Never have any conflict with anyone and stop studying.”
Those who maintain their self-respect never have any desire for limited respect. All limited desires are merged in your own self-respect and there is no need to ask for anything, whereas self-respect easily finishes all desires. Therefore, be one who has self-respect and you will become one who is...
26-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “the spiritual Father has created this sacrificial fire of the knowledge of Rudra.”
A karma yogi is one who is seated on an immortal throne, that is, he is the master of himself and also has a right to the Father’s inheritance of the fortune of the kingdom. The actions of those who always perform actions while seated on their immortal thrones...
26-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “रूहानी बाप ने यह रूद्र ज्ञान यज्ञ रचा है”
कर्मयोगी वह है जो अकाल तख्तनशीन अर्थात् स्वराज्य अधिकारी और बाप के वर्से के राज्य-भाग्य अधिकारी है। जो सदा अकालतख्त पर बैठकर कर्म करते हैं, उनके कर्म श्रेष्ठ होते हैं क्योंकि सभी कर्मेन्द्रियां लॉ और ऑर्डर पर रहती हैं। - ओम् शान्ति।...
“योग करने के लिये पहले ज्ञान क्यों ?”
“योग करने के लिये पहले ज्ञान क्यों" : हमेशा ऐसे कहा जाता है पहले समझ चाहिए, नहीं तो उल्टा कर्म चलेगा इसलिए पहले ज्ञान जरूरी है। - ओम् शान्ति।...
“Why do we need knowledge before we can have yoga?”
“Why do we need knowledge before we can have yoga?” : It is always said that we first need understanding, otherwise wrong actions will be performed and this is why knowledge is essential first. – Om Shanti....
25-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:15-4-1992: “The particular difference between truth and falsehood.”
BapDada’s teaching is: Do not listen to anything wasteful, do not speak anything wasteful, do not do anything wasteful, do not see anything wasteful and do not think anything wasteful. Become so powerful that no colour, other than the colour of the Father’s company, can influence you. With the...
25-9-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 24-9-1992: “सत्य और असत्य का विशेष अन्तर”
बापदादा की शिक्षा है - न व्यर्थ सुनो, न व्यर्थ बोलो, न व्यर्थ करो, न व्यर्थ देखो, न व्यर्थ सोचो। ऐसे शक्तिशाली बनो जो बाप के सिवाए और कोई भी संग का रंग प्रभावित न करे। परखने की शक्ति द्वारा खराब वा व्यर्थ संग को पहले से ही परखकर...