2-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “अब श्रीमत पर मन और बुद्धि को भटकाना बंद करो”
सभी पाइंटस का सार है - प्वाइंट बनना। प्वाइंट रूप में स्थित रहो तो क्वेश्चन मार्क की क्यू समाप्त हो जायेगी। जब किसी भी बात में क्वेश्चन आये तो बिन्दी (फुलस्टाप) लगा दो। फुलस्टाप लगाने का सहज स्लोगन है - जो हुआ, जो हो रहा है, जो होगा वह...
2-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Now follow shrimat and stop the wandering of your minds and intellects.”
The essence of all the points is to become a point. Be stable in the point form and the queue of question marks will finish. When a question arises in any situation, just put a full stop. The easy slogan for putting a full stop is “Whatever happened, whatever...
1-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “एक विदेही बाप को याद करना है और दूसरों को भी बाप की ही याद दिलानी है”
संगमयुग को विशेष वरदान है - असम्भव को सम्भव करना इसलिए कभी यह नहीं सोचो कि यह कैसे होगा। ‘कैसे' के बजाए सोचो कि ‘ऐसे' होगा। निश्चय रखकर चलो कि यह हुआ ही पड़ा है सिर्फ प्रैक्टिकल में लाना है, रिपीट करना है। दृढ़ संकल्प को यूज़ करो।दृढ़ संकल्प...
1-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Remember the one bodiless Father and also remind others of the Father.”
The confluence age has the special blessing of making the impossible possible and this is why you must never think “How will this happen?” Instead of thinking, “How?” think, “This is how it will happen.” As you move along, have the faith that this is already accomplished and that...
31-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “जितना हो सके योग में रहने का पुरूषार्थ करो”
जो बच्चे सच्चे मन से प्रतिज्ञा करते हैं तो मन मन्मनाभव हो जाता है और यह मन्मनाभव का मंत्र किसी भी परिस्थिति को पार करने में यंत्र बन जाता है। लेकिन मन में आये कि मुझे यह करना ही है। यही संकल्प हो कि जो बाप ने कहा वह...
31-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you should make effort to stay in as much yoga as possible.”
The children who make a true promise in their minds, your minds then become “Manmanabhav”. This mantra of “Manmanabhav” becomes a weapon to overcome any situation. However, let it enter your mind: “I have to do this.” Have the thought that whatever the Father has said is already accomplished....
“No soul can ever be part of the Supreme Soul.”
"Souls are immortal and imperishable, and so the One who creates souls is also definitely immortal. To separate the Supreme Soul into such pieces means to say that the Supreme Soul is perishable..."– Om Shanti....
“आत्मा कभी परमात्मा का अंश नहीं हो सकती है”
"आत्मा ही अज़र अमर है, तो अवश्य आत्मा को पैदा करने वाला अमर ठहरा। ऐसे अमर परमात्मा को टुकडे में ले आना गोया परमात्मा को भी विनाशी कह दिया।".... - ओम् शान्ति।...
30-10-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 21-11-1992: “कर्मों की गुह्य गति के ज्ञाता बनो”
मास्टर ज्ञान सूर्य वह हैं जो विश्व से अंधकार को मिटाकर रोशनी देने वाले हैं। वह स्वयं भी प्रकाश स्वरूप, लाइट-माइट रूप हैं और दूसरों को भी लाइट-माइट देने वाले हैं। जहाँ सदा रोशनी होती है वहाँ अंधकार का सवाल ही नहीं, अंधकार हो ही नहीं सकता। जो विश्व...
30-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:21-11-1992: “Be knowledgeable about the deep philosophy of karma.”
A master sun of knowledge is one who removes darkness from the world and brings light. Such a soul is an embodiment of light, a form of light and might and also gives light and might to others. Where there is constant light, there is no question of darkness;...