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15-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

बापदादा कहते हैं कि कर्म अलग नहीं, कर्म और योग दोनों साथ-साथ हैं। ऐसा कर्मयोगी कैसा भी कर्म होगा उसमें सहज सफलता प्राप्त कर लेगा।कर्म के साथ योग है माना मन और बुद्धि की एकाग्रता है तो सफलता बंधी हुई है। कर्मयोगी आत्मा को बाप की मदद भी स्वत:...

14-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

बापदादा ने बच्चों को सर्व खजानों से सम्पन्न बनाया है लेकिन जो समय पर हर खजाने को काम में लगाते हैं उनका खजाना सदा बढ़ता जाता है। खजानों से सम्पन्न ज्ञानी-योगी तू आत्मायें पहले सोचती हैं फिर करती हैं। उन्हें समय प्रमाण टच होता है वे फिर कैच करके...

13-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सदा शक्तिशाली, विजयी वही रह सकते हैं जो स्मृति स्वरूप हैं, उन्हें ही सहज पुरुषार्थी कहा जाता है। वे हर परिस्थिति में सदा अचल रहते हैं, बीती की हलचल को भी स्मृति में लाने के बजाए फुलस्टॉप लगा देते हैं। उनके पास कभी अलबेलापन नहीं आ सकता।- ओम् शान्ति।...

12-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जैसे कोई भी कार्य शुरू करते हो तो पहले संगठित रूप में चारों ओर विशेष टाइम पर एक साथ योग का दान दो। सर्व आत्माओं का एक ही शुद्ध संकल्प हो - विजयी। यह है शुद्धि की विधि, इससे सभी विजयी वा निर्विघ्न बन जायेंगे और किला मजबूत हो...

11-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

यथार्थ चार्ट का अर्थ है हर सबजेक्ट में प्रगति और परिवर्तन का अनुभव करना। ब्राह्मण जीवन में प्रकृति, व्यक्ति अथवा माया द्वारा परिस्थितियां तो आनी ही हैं लेकिन स्व-स्थिति की शक्ति परिस्थिति के प्रभाव को समाप्त कर दे, परिस्थितियां मनोरंजन की सीन अनुभव हो। संकल्प में भी हलचल न...

10-7-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:04-12-1991.

ब्राह्मण अर्थात् हर समय उत्साह भरे जीवन में उड़ने और उड़ाने वाले, उनके पास कभी निराशा आ नहीं सकती क्योंकि उनका आक्यूपेशन है “निराशावादी को आशावादी बनाना,'' यही सच्ची सेवा है। सच्चे सेवाधारियों का उत्साह कभी कम नहीं हो सकता।...

9-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो स्वदर्शन चक्रधारी बच्चे स्व का दर्शन कर लेते हैं उन्हें सृष्टि चक्र का दर्शन स्वत: हो जाता है। ड्रामा के राज़ को जानने वाले सदा खुशी में रहते हैं, जो स्व को देखते, स्वदर्शन चक्रधारी बनते वह सहज ही आगे बढ़ते रहते हैं।- ओम् शान्ति।...

5-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

हर कर्म में, श्रीमत के इशारे प्रमाण चलने वाली आत्मा को ही ऑनेस्ट अर्थात् ईमानदार और वफादार कहा जाता है। ब्राह्मण जन्म मिलते ही दिव्य बुद्धि में बापदादा ने जो श्रीमत भर दी है, ऑनेस्ट आत्मा हर सेकण्ड हर कदम उसी प्रमाण एक्यूरेट चलती रहती है। चाहे लाइट द्वारा,...

4-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो अतीन्द्रिय सुख के अधिकारी हैं वे सदा बाप के साथ सुखों के झूलों में झूलते हैं। उन्हें कभी यह संकल्प नहीं आ सकता कि फलाने ने मुझे बहुत दु:ख दिया। उनका वायदा है - न दु:ख देंगे, न दु:ख लेंगे। अगर कोई जबरदस्ती भी दे तो भी उसे...

3-7-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:10-1-1991.

ब्राह्मणों का संसार भी न्यारा है तो दृष्टि-वृत्ति सब न्यारी है। जो चलते-फिरते आत्मिक दृष्टि, आत्मिक वृत्ति में रहते हैं उनके पास दु:ख का नाम-निशान नहीं रह सकता क्योंकि दु:ख होता है शरीर भान से। वे सदा सुख की शैया पर सोते हैं और सुख स्वरूप रहते हैं। -...