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5-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “समय बहुत थोड़ा है इसलिए रूहानी धन्धा करो”

सबसे बड़ी कमजोरी है देह-अभिमान। देह-अभिमान का सूक्ष्म वंश बहुत बड़ा है। देह-अभिमान की बलि चढ़ाना अर्थात् अंश और वंश सहित समर्पित होना। ऐसे बलि चढ़ाने वाले ही महाबलवान बनते हैं।- ओम् शान्ति।...

4-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “तुम्हें बाप समान रूप बसन्त बनना है”

सबसे सहज और निरन्तर याद का साधन है-सदा बाप के साथ का अनुभव हो। साथ की अनुभूति याद करने की मेहनत से छुड़ा देती है। तो हर कर्म में बाप ऐसा साथी है जो मुश्किल को भी सहज करने वाला है। ऐसे साथी के साथ का सदा अनुभव होता...

3-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “ज्ञानयुक्त बुद्धि से रूहानी यात्रा करनी और करानी है”

निमित्त बनने का पार्ट सदा न्यारा और प्यारा बनाता है। अगर निमित्त भाव का अभ्यास स्वत: और सहज है तो सदा स्व की प्रगति और सर्व की प्रगति हर कदम में समाई हुई है। निमित्त बनी हुई आत्माओं को सदा यह स्मृति स्वरूप में रहता कि विश्व के आगे...

2-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “पढ़ाने वाला स्वयं निराकार भगवान है”

कर्मयोगी बच्चों को कर्म में बाप का साथ होने के कारण एकस्ट्रा मदद मिलती है। कोई भी काम भल कितना भी मुश्किल हो लेकिन बाप की मदद - उमंग-उत्साह, हिम्मत और अथकपन की शक्ति देने वाली है। जिस कार्य में उमंग-उत्साह होता है वह सफल अवश्य होता है। -...

1-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “बहुत मीठा क्षीरखण्ड बनकर रहना है”

मास्टर सर्वशक्तिमान् राजयोगी वह है जो राजा बनकर अपनी कर्मेन्द्रियों रूपी प्रजा को लॉ और आर्डर प्रमाण चलाये। जो मास्टर सर्वशक्तिमान् हैं, उन्हें एक भी कर्मेन्द्रिय कभी धोखा नहीं दे सकती। स्टॉप कहा तो स्टॉप। - ओम् शान्ति।...

31-7-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “यथार्थ चार्ट प्रगति और परिवर्तन”

जिम्मेवार बाप है, मैं निमित्त मात्र हूँ - यह स्मृति हल्का बना देती है इसलिए अपने पुरूषार्थ का बोझ, सेवाओं का बोझ, सम्पर्क-सम्बन्ध निभाने का बोझ...सब छोटे-मोटे बोझ बाप को देकर हल्के हो जाओ।निमित्त समझने से निर्मानता का गुण भी स्वत: आ जाता है।- ओम् शान्ति।...

30-7-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “जीते जी सच्चे परवाने बनो।”

जैसे समय की रफ्तार तीव्रगति से सदा आगे बढ़ती रहती है। समय कभी रूकता नहीं, यदि उसे कोई रोकना भी चाहे तो भी रूकता नहीं। समय तो रचना है, आप रचयिता हो इसलिए कैसी भी परिस्थिति अथवा समस्याओं के पहाड़ भी आ जायें तो भी उड़ने वाले कभी रुकेंगे...

29-7-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “तुम्हें अपने हमजिन्स का उद्धार करना है।”

स्थिति का आधार स्मृति है। आप सिर्फ स्मृति स्वरूप बनो, तो स्मृति आने से जैसी स्मृति वैसी स्थिति स्वत: हो जायेगी। खुशी की स्मृति में रहो तो स्थिति भी खुशी की बन जायेगी आप सुख के सागर के बच्चे सदा खुश रहने वाले दु:खों से न्यारे सुख-स्वरूप हो, इसलिए...

28-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली : “पढ़ाई में अथक बनना अर्थात् कर्मातीत अवस्था”

आपका स्लोगन है “बदला न लो बदलकर दिखाओ''। स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन। कई बच्चे सोचते हैं यह ठीक हो तो मैं ठीक हो जाऊं, यह सिस्टम ठीक हो तो मैं ठीक रहूँ। पहले स्व को बदलो तो विश्व बदल जायेगा। इसके लिए सर्व खजानों के मालिक बन समय...

27-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली : “अब ईश्वरीय गुण धारण कर स्वराज्य लेना है”

सर्व की दुआये लेनी हैं तो शिक्षक बनने के साथ-साथ मास्टर मर्सीफुल बनो। रहमदिल बन क्षमा करो तो यह क्षमा करना ही शिक्षा देना हो जायेगा। अभी से दुआयें देने के संस्कार पक्के करो तो आपके जड़ चित्रों से भी दुआयें लेते रहेंगे, इसके लिए हर कदम श्रीमत प्रमाण...