27-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “कभी मदभेद में आकर पढ़ाई मत छोड़ो”
जो स्वमान में स्थित रहते हैं उन्हें कभी भी हद का मान प्राप्त करने की इच्छा नहीं होती। एक स्वमान में सर्व हद की इच्छायें समा जाती हैं, मांगने की आवश्यकता नहीं रहती और स्वमान सर्व इच्छाओं को सहज ही सम्पन्न कर देता है इसलिए स्वमानधारी बनो तो सर्व...
26-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “रूहानी बाप ने यह रूद्र ज्ञान यज्ञ रचा है”
कर्मयोगी वह है जो अकाल तख्तनशीन अर्थात् स्वराज्य अधिकारी और बाप के वर्से के राज्य-भाग्य अधिकारी है। जो सदा अकालतख्त पर बैठकर कर्म करते हैं, उनके कर्म श्रेष्ठ होते हैं क्योंकि सभी कर्मेन्द्रियां लॉ और ऑर्डर पर रहती हैं। - ओम् शान्ति।...
25-9-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 24-9-1992: “सत्य और असत्य का विशेष अन्तर”
बापदादा की शिक्षा है - न व्यर्थ सुनो, न व्यर्थ बोलो, न व्यर्थ करो, न व्यर्थ देखो, न व्यर्थ सोचो। ऐसे शक्तिशाली बनो जो बाप के सिवाए और कोई भी संग का रंग प्रभावित न करे। परखने की शक्ति द्वारा खराब वा व्यर्थ संग को पहले से ही परखकर...
24-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “पहला निश्चय करो कि मैं आत्मा हूँ”
दुनिया में साइन्स का भी बल है, राज्य का भी बल है और भक्ति का भी बल है लेकिन आपके पास है ज्ञान बल और योग बल। यह सबसे श्रेष्ठ बल है। यह योगबल माया पर सदा के लिए विजयी बनाता है। इस बल के आगे माया की शक्ति...
23-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “कोई भी उल्टे कर्म वा विकर्म नहीं करने हैं”
होलीहंस की विशेषता है -होलीहंस अर्थात् सदा स्वच्छ,- सदा ज्ञान रत्न चुगना, स्वच्छता अर्थात् पवित्रता, हर समय बुद्धि में ज्ञान रत्न चलते रहें, ज्ञान का मनन चलता रहे तो व्यर्थ नहीं चलेगा। इसको कहा जाता है रत्न चुगना।। - ओम् शान्ति।...
22-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “whenever you have time earn a true income.”
The way to protect yourself from Maya’s shadow is to stay under Father’s canopy of protection. To stay under this canopy of protection means to remain happy. Hand over all your worries to the Father. Those who lose their happiness and become weak definitely have Maya’s shadow over them...
22-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “जितना समय मिले सच्ची कमाई करो”
माया की छाया से बचने का साधन है-बाप की छत्रछाया। छत्रछाया में रहना अर्थात् खुश रहना। सब फिक्र बाप को दे दिया। जिनकी खुशी गुम होती है, कमजोर हो जाते हैं उन पर माया की छाया का प्रभाव पड़ ही जाता है क्योंकि कमजोरी माया का आह्वान करती है।...
21-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम गरीब बच्चे ही बाप से ज्ञान की मुट्ठी ले साहूकार बनते हो”
प्रकृति की हलचल में जब आत्मायें चिल्लाती हैं, मर्सी और रहम मांगती हैं तो अपने मर्सीफुल स्वरूप को इमर्ज कर उनकी पुकार सुनो। दुख दर्द की दुनिया को परिवर्तन करने के लिए स्वयं को सम्पन्न बनाओ। परिवर्तन की शुभ भावना को तीव्र करो। - ओम् शान्ति।...
20-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “बाप समान पतितों को पावन बनाने का पुरूषार्थ करो”
जो अपने निज़ी लाइट स्वरूप की स्मृति में रहते हैं उनमें व्यर्थ को समर्थ में परिवर्तन करने की शक्ति होती है। वे व्यर्थ समय, व्यर्थ संग, व्यर्थ वातावरण को सहज परिवर्तन कर डबल लाइट रहते हैं। ऐसे तीव्र पुरूषार्थी बच्चे सहज ही फरिश्ते पन की स्थिति को प्राप्त कर...
19-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “अपनी एम-आब्जेक्ट सदा याद रखो”
ब्राह्मण जन्म ही विशेष जन्म है, तो जन्म भी श्रेष्ठ, धर्म भी श्रेष्ठ और कर्म भी श्रेष्ठ है। इसी श्रेष्ठता अर्थात् विशेषता की जीवन स्मृति में नेचरल रहे तो सहज पुरूषार्थी बन जायेंगे। विशेष जीवन वाली आत्मायें कभी साधारण कर्म नहीं कर सकती। - ओम् शान्ति।...