आद्यात्मिक पढ़ाई में :“पहले-पहले कौनसी मुख्य प्वाइन्ट जिस पर खूब अटेन्शन रखना है?”
"यह ईश्वरीय नॉलेज सिवाए एक परमात्मा बिगर कोई भी मनुष्य आत्मा चाहे साधू, संत, महात्मा हो वो भी नहीं पढ़ा सकेगा।“-ओम् शान्ति।...
14-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you give this study a lot of value.”
The power of concentration easily frees you from obstacles. For this, set your mind and intellect on the seat of an experience. The power of concentration automatically enables you to experience belonging to the one Father and none other. By doing this, your stage will easily become constant and...
14-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें पढ़ाई का बहुत कदर रखना है।”
एकाग्रता की शक्ति सहज ही निर्विघ्न बना देती है। इसके लिए मन और बुद्धि को किसी भी अनुभव की सीट पर सेट कर दो। एकागता की शक्ति स्वत: ही “एक बाप दूसरा न कोई'' - यह अनुभूति कराती है। इससे सहज ही एकरस स्थिति बन जाती है। सर्व के...
13-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “अब तुम्हारे सुख के दिन आये कि आये”
इस कल्याणकारी युग में, कल्याणकारी बाप के साथ-साथ आप बच्चे भी कल्याणकारी हो। आपकी चैलेन्ज है कि हम विश्व परिवर्तक हैं। दुनिया वालों को सिर्फ विनाश दिखाई देता इसलिए समझते हैं - यह अकल्याण का समय है लेकिन आपके सामने विनाश के साथ स्थापना भी स्पष्ट है और मन...
13-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Your days of happiness are now about to come”
In this benevolent age, you children are also benevolent with the Benevolent Father. Your challenge is: We are world transformers. People of the world can only see destruction and this is why they think that this is a time of non-benevolence. However, together with destruction, you also see establishment...
“How can we deposit anything in the court of God?”
Until you have elevated actions in your practical lives, no matter how much effort you make, you will not be able to receive liberation or liberation-in-life. – Om Shanti....
“हम ईश्वर के दरबार में कुछ भी जमा कैसे कर सकते?“
"जब तक अपनी प्रैक्टिकल जीवन में कर्म श्रेष्ठ नहीं बने हैं तब तक कितनी भी मेहनत करेंगे तो भी मुक्ति जीवनमुक्ति प्राप्त नहीं करेंगे।" - ओम् शान्ति।...
12-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you have to pay a great deal of attention to this spiritual study.”
The seats of you tapaswi children are a constant and stable stage, the angelic stage. Do tapasya while seated on the seat of these elevated stages. Just as your body sits on a physical seat, in the same way, keep your mind and intellect sitting on the seat of...
11-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “remain in the service of making this impure Bharat pure.”
On one hand, you have the kingdom and on the other hand, you are a Rishi, that is, one with unlimited disinterest. Such Raj Rishis cannot have any attachment for themselves, other people or for possessions. – Om Shanti....
11-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “आपस में मिलकर राय निकालो कि कैसे सभी को सत्य बाप का परिचय दें”
एक तरफ राज्य और दूसरे तरफ ऋषि अर्थात् बेहद के वैरागी। ऐसे राजऋषि का कहाँ भी - चाहे अपने में, चाहे व्यक्ति में, चाहे वस्तु में..... लगाव नहीं हो सकता। इसलिए स्वयं को राजऋषि समझना अर्थात् राजा के साथ-साथ बेहद के वैरागी बनना।- ओम् शान्ति।...