14-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – मम्मा बाबा समान सर्विस करने के लिए बुद्धि को सतोप्रधान बनाओ।”
साधनों को आधार बनाने के बजाए अपनी साधना के आधार से साधनों को कार्य में लगाओ।साधनों के साथ साधना हो तो हर कार्य में बाप की ब्लैसिंग का अनुभव करेंगे, उमंग-उत्साह भी कम नहीं होगा।- ओम् शान्ति।...
14-4-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Sweet children – in order to do service like Mama and Baba make your intellects satopradhan.”
Instead of making the facilities your support, use the facilities on the basis of your spiritual endeavour. Do not make any of the facilities the basis for your progress.Make spiritual endeavour as well as using the facilities and you will experience the Father’s blessings in every task you do...
9-4-2023 – ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised: 9-3-1994: “Shiv Jayanti is the lovely unique and wonderful incarnation filled with love and happiness.”
Just as moths automatically fly to a physical light, in the same way, wandering souls will come to you sparkling stars at a fast speed. For this, practise seeing the sparkling star in the centre of each one’s forehead. Do not see the bodies while seeing them. Let your...
9-4-2023 – ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 9-03-1994: “न्यारा-प्यारा वन्डरफुल स्नेहऔरसुखभराअवतरण – शिवजयन्ती”
जैसे स्थूल रोशनी (लाइट) पर परवाने स्वत: आते हैं, ऐसे आप चमकते हुए सितारों पर भटकी हुई आत्मायें फास्ट गति से आयेंगी। इसके लिए अभ्यास करो - हर एक के मस्तक पर सदा चमकते हुए सितारे को देखने का। शरीरों को देखते भी न देखो। सदा नज़र चमकते हुए...
25-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Sweet children make a great deal of effort to remember the Father.”
While coming into relationship and connection with one another, see each one’s specialities. Adopt the vision of only seeing specialities. Nowadays, the fashion and compulsion are of wearing glasses. So, wear glasses that only see specialities. with the glasses of seeing specialities, you will not see any rubbish but...
25-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – बाप को याद करने की खूब मेहनत करो”
एक दो के साथ सम्बन्ध वा सम्पर्क में आते हर एक की विशेषता को देखो। विशेषता देखने की ही दृष्टि धारण करो। जैसे आजकल का फैशन और मजबूरी चश्मे की है। तो विशेषता देखने वाला चश्मा पहनो। तो विशेषता के चश्में द्वारा कीचड़ को न देख कमल को देखने...
24-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Sweet children this is the confluence age when there is the meeting of souls with the Supreme Soul.”
In this special age, the most elevated fruit from the seed of speciality is contentment. To be content and to make everyone content is the sign of a special soul. Therefore, water the seed and blessing of specialty with the water of all powers and it will become fruitful....
24-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – यही संगमयुग है जब आत्मा और परमात्मा का संगम (मेल) होता है”
इस विशेष युग में विशेषता के बीज का सबसे श्रेष्ठ फल है “सन्तुष्टता''। सन्तुष्ट रहना और सर्व को सन्तुष्ट करना - यही विशेष आत्मा की निशानी है, इसलिए विशेषताओं के बीज अथवा वरदान को सर्व शक्तियों के जल से सींचो तो बीज फलदायक हो जायेगा। तो विधिपूर्वक शक्तिशाली बीज...
23-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You have received the shrimat to become pure while living at home with your families. Fulfill your responsibilities to both sides.”
The more you use your specialities to serve with your mind, words and deeds, the more these specialities will continue to grow. To use them for service means to receive a lot of fruit from one seed. and you will experience their fruit, that is, you will experience the...
23-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – तुम्हें श्रीमत है घर गृहस्थ में रहते पवित्र बनो दोनों तरफ तोड़ निभाओ”
जितना-जितना अपनी विशेषताओं को मन्सा सेवा वा वाणी और कर्म की सेवा में लगायेंगे तो वही विशेषता विस्तार को पाती जायेगी। सेवा में लगाना अर्थात् एक बीज से अनेक फल प्रगट करना। इस श्रेष्ठ जीवन में जो जन्म सिद्ध अधिकार के रूप में विशेषतायें मिली हैं उनको, सेवा की...