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04-12-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 09-1-1993: “अव्यक्त वर्ष मनाना अर्थात् सपूत बन सबूत देना”

ज्ञान अर्थात् नॉलेज और नॉलेज इज़ लाइट, माइट कहा जाता है। जब लाइट अर्थात् रोशनी है कि ये रांग है, ये राइट है, ये अंधकार है, ये प्रकाश है, ये व्यर्थ है, ये समर्थ है तो लाइट और माइट से सम्पन्न आत्मा कभी अंधकार में नहीं रह सकती।-ज्ञानी तू...

3-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “जागो बाप की याद से अपने विकर्म विनाश करो”

जो हुआ वह भी अच्छा और जो हो रहा है वो और अच्छा और जो होने वाला है वह बहुत-बहुत अच्छा। सभी के मस्तक पर श्रेष्ठ तकदीर की लकीर खींची हुई है, सिर्फ याद और सेवा में सदा बिजी रहो। यह दोनों ऐसे नेचुरल हों जैसे शरीर में श्वांस...

2-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “यहाँ तो बाप ने एक ही मंत्र दिया है कि बच्चे चुप रहकर मुझे याद करो”

सदैव स्मृति में रखो कि हर समय एवररेडी रहना है। किसी भी समय कोई भी परिस्थिति आ जाए लेकिन हम एवररेडी रहेंगे। कल भी विनाश हो जाए तो हम तैयार हैं। एवररेडी अर्थात् सम्पूर्ण। सम्पूर्ण बनने के लिए एक बाप दूसरा न कोई - यह तैयारी चाहिए। मन सदा...

1-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “योगेश्वर बाप आये हैं तुम्हें राजयोग सिखलाने”

जो सदा बापदादा के दिलतख्तनशीन रहते हैं वे बेफिक्र बादशाह बन जाते हैं क्योंकि इस तख्त की विशेषता है कि जो तख्तनशीन होगा वह सब बातों में बेफिक्र होगा।तो दिलतख्त की विशेषता है कि फिक्र आ नहीं सकता। यह दिलतख्त को वरदान मिला हुआ है, इसलिए कोई भी कार्य...

30-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “विशाल बुद्धि बन पूरे विश्व को दु:खधाम से सुखधाम – पतित से पावन बनाने की सेवा करनी है”

अभी के श्रेष्ठ संस्कारों से ही भविष्य संसार बनेगा। एक राज्य, एक धर्म के संस्कार ही भविष्य संसार का फाउण्डेशन हैं। स्वराज्य का धर्म वा धारणा है - मन-वचन-कर्म, सम्बन्ध-सम्पर्क में सब प्रकार की पवित्रता।जहाँ पवित्रता है वहाँ अपवित्रता अर्थात् व्यर्थ वा विकल्प का नामनिशान नहीं रहता, उन्हें ही...

30-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Have broad and unlimited intellects and do the service of making the whole world into the land of happiness from a land of sorrow.”

The future world will be created on the basis of your present elevated sanskars. The sanskars of one kingdom and one religion are the foundation of the future world. The religion and dharna of self-sovereignty are purity in thoughts, words, actions, relationships and connections, in every way.Where there is...