17-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Stay in remembrance of the Father and your time will then be used in a worthwhile way.”
In order to experience a life full of unbroken peace and happiness, become a master of yourself. For a self-sovereign, storms become gifts to make you experienced in the flying stage. Such souls do not experience happiness on the basis of facilities, salvation or praise, but they experience unbroken...
17-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप की याद में रहो तो टाइम आबाद हो जायेगा”
अखण्ड सुख-शान्तिमय, सम्पन्न जीवन का अनुभव करने के लिए स्वराज्य अधिकारी बनो। स्वराज्य अधिकारी के लिए तूफान अनुभवी बनाने वाले उड़ती कला का तोह़फा बन जाते हैं। उन्हें साधन, सैलवेशन वा प्रशंसा के आधार पर सुख की अनुभूति नहीं होती लेकिन परमात्म प्राप्ति के आधार पर अखण्ड सुख-शान्ति का...
16-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “remember the Father and the cycle. There is no need to say anything through your lips.”
The special gift of Brahmin life is a divine intellect. With this divine intellect, you can clearly know the Father, yourself and the three aspects of time. By having remembrance you can imbibe all the powers in your divine intellect. A divine intellect enables you to experience the trikaldarshi...
16-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप को और चक्र को याद करो – मुख से कुछ भी बोलने की दरकार नहीं”
ब्राह्मण जन्म की विशेष सौगात दिव्य बुद्धि है। इस दिव्य बुद्धि द्वारा बाप को, अपने आपको और तीनों कालों को स्पष्ट जान सकते हो। दिव्य बुद्धि से ही याद द्वारा सर्व शक्तियों को धारण कर सकते हो। दिव्य बुद्धि त्रिकालदर्शी स्थिति का अनुभव कराती है, उनके सामने तीनों ही...
15-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You mustn’t have attachment to anyone. Become conquerors of attachment.”
Confluence-aged Brahmins means those who have no name or trace of sorrow because, as children of the Bestower of Happiness, you are master bestowers of happiness. How can those who are master bestowers of happiness, embodiments of happiness have sorrow? You have stepped away from the land of sorrow...
15-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “किसी में भी मोह नहीं रखना है – मोह जीत बनना है”
संगमयुगी ब्राह्मण अर्थात् दु:ख का नाम-निशान नहीं क्योंकि सुखदाता के बच्चे मास्टर सुखदाता हो। जो मास्टर सुखदाता, सुख स्वरूप हैं वह स्वयं दु:ख में कैसे आ सकते हैं। बुद्धि से दु:खधाम का किनारा कर लिया। वे स्वयं तो सुख स्वरूप रहते ही हैं लेकिन औरों को भी सदा सुख...
14-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Sweet children each of you has received a third eye of knowledge.”
The confluence age is the age for experiencing God’s love. Know the importance of this age and merge yourself in the experiences of love. The Ocean of Love is giving you platefuls of diamonds and pearls, and so you must keep yourself full. These diamonds and pearls of God’s...
14-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – तुम्हें ज्ञान का तीसरा नेत्र मिला है”
संगमयुग परमात्म स्नेह का युग है। इस युग के महत्व को जानकर स्नेह की अनुभूतियों में समा जाओ। स्नेह का सागर स्नेह के हीरे मोतियों की थालियां भरकर दे रहे हैं, तो अपने को सदा भरपूर करो।ये परमात्म प्यार के हीरे-मोती अनमोल हैं, इससे सदा सजे सजाये रहो...
13-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “The birthday of Shiva is the greatest festival of all. You children have to celebrate it with so much pomp and splendour”
The power of love makes hard work easy. Where there is love, there is no hard work. Hard work becomes a form of entertainment. ouls who love God easily become free from having to work hard. Let this blessing of love be constantly in your awareness and then, no...
13-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “शिवजयन्ती का त्योहार बड़े ते बड़ा त्योहार है इसे तुम बच्चों को बहुत धूमधाम से मनाना है”
स्नेह की शक्ति मेहनत को सहज कर देती है, जहाँ मोहब्बत है वहाँ मेहनत नहीं होती। मेहनत मनोरंजन बन जाती है।रमात्म स्नेही आत्मायें सहज ही मेहनत से मुक्त हो जाती हैं। यह स्नेह का वरदान सदा स्मृति में रहे तो कितनी भी बड़ी परिस्थिति हो, प्यार से, स्नेह से...