19-6-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:06-04-1991.
सिद्धि स्वरूप आत्माओं के हर संकल्प अपने प्रति वा दूसरों के प्रति सिद्ध होने वाले होते हैं। उन्हें हर कर्म में सिद्धि प्राप्त होती है। वे जो बोल बोलते हैं वह सिद्ध हो जाते हैं इसलिए सत वचन कहा जाता है। - ओम् शान्ति।...
19-06-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:06/04/1991.
For souls who are embodiments of success, their every thought for themselves and others would be fruitful. They receive success from every act they do. The words they speak become practical and this is why they are called true versions. – Om Shanti....
18-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
पवित्रता की रॉयल्टी अर्थात् रीयल्टी वाली आत्मायें सदा खुशी में नाचती हैं। उनकी खुशी कभी कम, कभी ज्यादा नहीं होती। दिनप्रतिदिन हर समय और खुशी बढ़ती रहेगी, उनके अन्दर वृत्ति, दृष्टि, बोल और चलन सब सत्य व हर्षितचित, हर्षितमुख अविनाशी होगा। - ओम् शान्ति।...
17-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
जो अचल स्थिति वाले हैं उनके अन्दर यही शुभ भावना, शुभ कामना उत्पन्न होती है कि यह भी अचल हो जाएं। अचल स्थिति वालों का विशेष गुण होगा - रहमदिल। हर आत्मा के प्रति सदा दाता-पन की भावना होगी। उनका विशेष टाइटल ही है विश्व कल्याणकारी। - ओम् शान्ति।...
17-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.
Those who have an unshakeable stage also have good wishes and pure feelings in them. Therefore, each of you should also become unshakeable. The special virtue of those with an unshakeable stage is of being merciful. They will always have the feeling of being a bestower for every soul....
16-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
कोई भी कमजोरी तब आती है जब सत के संग से किनारा हो जाता है और दूसरा संग लग जाता है। इसलिए भक्ति में कहते हैं सदा सतसंग में रहो। सतसंग अर्थात् सदा सत बाप के संग में रहना।तो सदा सतसंग में रह कमजोरियों को समाप्त करने वाले सहज...
16-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.
Any weakness comes when you step away from the Truth and become engaged in other company. This is why they say in devotion: Constantly stay in the company of the Truth. The company of the Truth means to stay constantly in the company of the true Father. So, stay...
15-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.
No matter how many colours Maya shows you, observe the games of Maya with this awareness: “I am the Lord of Maya, Maya is the creation and I am a master creator”. Do not be defeated in the games. Be a detached observer and continue to see the games...
15-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
माया कितने भी रंग दिखाये, मैं मायापति हूँ, माया रचना है, मैं मास्टर रचयिता हूँ - इस स्मृति से माया का खेल देखो, खेल में हार नहीं खाओ। साक्षी बनकर मनोरंजन समझकर देखते चलो तो फर्स्ट नम्बर में आ जायेंगे।सदा साक्षी और सदा बाप के साथ की स्मृति से...
14-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.
The mind and intellect of the children who maintain the awareness of belonging to the one Father and none other easily become concentrated. They do service as instruments and so they do not have any attachment to it.Therefore, hand over all your responsibilities to the Father and look after...