Tag: Daily Murli Madhuban

6-7-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

BapDada has given you children all the treasures to experiment with. To the extent that you experiment with them, to that extend you will progress. If you are not progressing, then you are not experimenting. Yoga means to experiment with things. but use them and increase them ten-fold. Be...

5-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

हर कर्म में, श्रीमत के इशारे प्रमाण चलने वाली आत्मा को ही ऑनेस्ट अर्थात् ईमानदार और वफादार कहा जाता है। ब्राह्मण जन्म मिलते ही दिव्य बुद्धि में बापदादा ने जो श्रीमत भर दी है, ऑनेस्ट आत्मा हर सेकण्ड हर कदम उसी प्रमाण एक्यूरेट चलती रहती है। चाहे लाइट द्वारा,...

5-7-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

A soul who acts according to the signals of shrimat at every step is called honest, that is, honest and faithful. If you are an honest soul you continue to follow accurately the shrimat at every second and at every step that BapDada has filled your divine intellect with...

4-7-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

Those who have a right to supersensuous joy constantly swing in the swing of happiness with the Father. They would never have the thought: This one has caused me a lot of sorrow. They have promised not to cause sorrow or take sorrow. Even if someone forcefully causes it,...

4-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो अतीन्द्रिय सुख के अधिकारी हैं वे सदा बाप के साथ सुखों के झूलों में झूलते हैं। उन्हें कभी यह संकल्प नहीं आ सकता कि फलाने ने मुझे बहुत दु:ख दिया। उनका वायदा है - न दु:ख देंगे, न दु:ख लेंगे। अगर कोई जबरदस्ती भी दे तो भी उसे...

3-07-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:10-1-1991.

The world of Brahmins is unique and their vision and attitude are unique. Those who have a soul-conscious attitude and vision as they move along cannot have any name or trace of sorrow come to them. This is because there is sorrow when there is body consciousness. – Om...

3-7-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:10-1-1991.

ब्राह्मणों का संसार भी न्यारा है तो दृष्टि-वृत्ति सब न्यारी है। जो चलते-फिरते आत्मिक दृष्टि, आत्मिक वृत्ति में रहते हैं उनके पास दु:ख का नाम-निशान नहीं रह सकता क्योंकि दु:ख होता है शरीर भान से। वे सदा सुख की शैया पर सोते हैं और सुख स्वरूप रहते हैं। -...

2-7-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

Those whose minds are full have any physical things or facilities or not, because their minds are full, they never feel they are lacking anything. They would constantly sing the song: I have attained everything. They would not even have a trace of any sanskars of asking for anything....

2-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो मन से भरपूर रहता है उसके पास स्थूल वस्तु या साधन नहीं भी हो फिर भी मन भरपूर होने के कारण वे कभी अपने में कमी महसूस नहीं करेंगे। वे सदा यही गीत गाते रहेंगे कि सब कुछ पा लिया, उनमें मांगने के संस्कार अंश मात्र भी नहीं...

1-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

महान आत्मायें वह हैं जिनमें सत्यता की शक्ति है। लेकिन सत्यता के साथ सभ्यता भी जरूर चाहिए। अगर सभ्यता नहीं तो सत्यता नहीं। सत्यता कभी सिद्ध करने से सिद्ध नहीं होती। उसे तो सिद्ध होने की सिद्धि प्राप्त है। सत्यता के सूर्य को कोई छिपा नहीं सकता।- ओम् शान्ति।...