22-1-2023 – ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 25-11-1993: “सहज सिद्धि प्राप्त करने के लिए ज्ञान स्वरूप प्रयोगीआत्मा बनो”
जैसे बाप आलराउन्ड पार्टधारी है, सखा भी बन सकते तो बाप भी बन सकते। ऐसे उड़ती कला वाले जिस समय जिस सेवा की आवश्यकता होगी उसमें सम्पन्न पार्ट बजा सकेंगे। इसको ही कहा जाता है आलराउन्ड उड़ता पंछी। हर प्रकार की सेवा में सफलतामूर्त बनेंगे। उन्हें ही कहा जाता...
21-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “In order to claim blessings from the Father follow shrimat at every step. Keep your activity good.”
The words of you children have to be words that those who are listening would be thirsty to hear you say something. This is known as speaking precious, elevated versions. You are master satgurus, children of the Satguru, and so, each word of yours is an elevated version. At...
21-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – बाप की दुआयें लेनी हैं तो हर कदम श्रीमत पर चलो चाल-चलन अच्छी रखो”
आप बच्चों के बोल ऐसे हों जो सुनने वाले चात्रक हों कि यह कुछ बोलें और हम सुनें - इसको कहा जाता है अनमोल महावाक्य। आप सतगुरू के बच्चे मास्टर सतगुरू हो इसलिए आपका एक-एक बोल महावाक्य हो। जिस समय जिस स्थान पर जो बोल आवश्यक है, युक्तियुक्त है,...
20-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You are instruments for establishing peace. Therefore you have to remain very very peaceful.”
Some children joke and tease others a lot and consider that to be playful and entertaining. Generally, the virtue of being entertaining and playful is considered to be good. However, it is being playful in a way that is appropriate for the person, time, gathering, place and atmosphere that...
20-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम पीस स्थापन करने के निमित्त हो इसलिए बहुत-बहुत पीस में रहना है”
कई बच्चे हंसी-मजाक बहुत करते हैं और उसे ही रमणीकता समझते हैं। वैसे रमणीकता का गुण अच्छा माना जाता है लेकिन व्यक्ति, समय, संगठन, स्थान, वायुमण्डल के प्रमाण रमणीकता अच्छी लगती है। इसलिए हंसीमजाक अच्छा वह है जिसमें रूहानियत हो और उस आत्मा का फ़ायदा हो, सीमा के अन्दर...
19-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You have to become soul conscious and remember the one bodiless Father.”
Important people in the world have their daily timetable set. A task is accurate when it is set properly according to the daily timetable. By having a proper setting, you save time and energy and one person can carry out 10 tasks. You world benefactors are responsible souls.When the...
19-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें तो देही-अभिमानी बन एक विदेही बाप को याद करना है”
दुनिया में जो बड़े आदमी होते हैं उनकी दिनचर्या सेट होती है। कोई भी कार्य एक्यूरेट तब होता है जब दिनचर्या की सेटिंग हो। सेटिंग से समय, एनर्जी सब बच जाते हैं, एक व्यक्ति 10 कार्य कर सकता है। तो आप विश्व कल्याणकारी जिम्मेवार आत्मायें,हजार भुजाओं वाला बाप आपके...
18-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “In order to become perfect continue to remove your weaknesses of body consciousness.”
In order to accumulate the power of silence, stay beyond your body and become bodiless. This power of silence is a very great power – the new world is established with it. Therefore, be a bestower of peace, that is, be an embodiment of peace and bestow rays of...
17-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You have to study with the incorporeal Father and become kings of kings.”
Extroversion means the vibrations of a person’s nature and sanskars, his thoughts, words, relationships and connections. They lead you to wastefulness of one kind or another, to being always busy in one or another type of wasteful thinking, to be distant from internal happiness, peace and power. This sweetness...
17-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें निराकार बाप से पढ़कर राजाओं का राजा बनना है”
बाहयमुखता अर्थात् व्यक्ति के भाव-स्वभाव और व्यक्त भाव के वायब्रेशन, संकल्प, बोल और संबंध, सम्पर्क द्वारा एक दो को व्यर्थ की तरफ उकसाने वाले, सदा किसी न किसी प्रकार के व्यर्थ चिन्तन में रहने वाले, आन्तरिक सुख, शान्ति और शक्ति से दूर.....यह बाह्यमुखता के रस भी बाहर से बहुत...