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28-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली : “पढ़ाई में अथक बनना अर्थात् कर्मातीत अवस्था”

आपका स्लोगन है “बदला न लो बदलकर दिखाओ''। स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन। कई बच्चे सोचते हैं यह ठीक हो तो मैं ठीक हो जाऊं, यह सिस्टम ठीक हो तो मैं ठीक रहूँ। पहले स्व को बदलो तो विश्व बदल जायेगा। इसके लिए सर्व खजानों के मालिक बन समय...

27-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली : “अब ईश्वरीय गुण धारण कर स्वराज्य लेना है”

सर्व की दुआये लेनी हैं तो शिक्षक बनने के साथ-साथ मास्टर मर्सीफुल बनो। रहमदिल बन क्षमा करो तो यह क्षमा करना ही शिक्षा देना हो जायेगा। अभी से दुआयें देने के संस्कार पक्के करो तो आपके जड़ चित्रों से भी दुआयें लेते रहेंगे, इसके लिए हर कदम श्रीमत प्रमाण...

26-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली : “डबल सिरताज – अननोन वारियर्स”.

पदमापदम भाग्यवान बच्चे सदा परमात्म प्यार में लवलीन रहते हैं। परमात्म प्यार की शक्ति किसी भी परिस्थिति को श्रेष्ठ स्थिति में बदल देती है। असम्भव कार्य भी सम्भव हो जाते हैं। मुश्किल सहज हो जाता है क्योंकि बापदादा का वायदा है कि हर समस्या को पार करने में प्रीति...

25-7-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

Hold a royal court of all your co-operative physical senses every day and check that none of you physical senses or workers are repeatedly making mistakes. Therefore, along with checking also change with the power of knowledge and you will then be said to be a successful master of...

25-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

रोज़ अपने सहयोगी सर्व कर्मचारियों की राज्य दरबार लगाओ और चेक करो कि कोई भी कर्मेन्द्रिय वा कर्मचारी से बार-बार गलती तो नहीं होती है!इसलिए नॉलेज की शक्ति से चेक करने के साथ-साथ चेंज कर दो तब कहेंगे सफल स्वराज्य अधिकारी। - ओम् शान्ति।...

24-07-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:18-12-1991.

People are afraid of dying whereas you have already died. You are living in a new world, you have died to the old world. Therefore, why would those who have already died be afraid of dying? They would be naturally fearless.you are trustees, even those bodies do not belong...

24-7-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:18-12-1991.

लोग मरने से ड़रते हैं और आप तो हो ही मरे हुए। नई दुनिया में जीते हो, पुरानी दुनिया से मरे हुए हो तो मरे हुए को मरने से क्या डर, वे तो स्वत: निर्भय होंगे ही। आप ट्रस्टी हो, यह शरीर भी मेरा नहीं, इसलिए न्यारे हो, जरा...