25-12-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
Be one who has love for your own land, that is, consider yourself to be a resident of the supreme abode in terms of the soul and a resident of Madhuban in terms of the divine family. Maintain this intoxication. - Om Shanti....
25-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
आप लोगों के लिए यह पुरानी दुनिया ही विदेश है, इससे उपराम रहो अर्थात् पुरानी दुनिया की जो चीज़े हैं, स्वभाव-संस्कार हैं उनकी तरफ जरा भी आकर्षित न हो। स्वदेशी बनो अर्थात् आत्मिक रूप में अपने ऊंचे देश परमधाम और इस ईश्वरीय परिवार के हिसाब से मधुबन देश के...
24-12-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
To the extent that each of your actions is elevated, accordingly, you will be remembered among the elevated souls.For this, you have to become yogyukt. By your becoming yogyukt, every thought, word and action of yours will definitely be yuktiyukt. Such souls cannot have any thoughts or actions that...
24-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
आपका एक-एक कर्म जितना श्रेष्ठ होगा उतना ही श्रेष्ठ आत्माओं में सिमरण किये जायेंगे। तो आप श्रेष्ठ कर्मो के आधार पर सिमरण योग्य बनते जायेंगे, इसके लिए योगयुक्त बनो। योगयुक्त बनने से हर संकल्प, शब्द वा कर्म युक्तियुक्त अवश्य होगा, उनसे अयुक्त कर्म वा संकल्प हो ही नहीं सकता...
23-12-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
Zeal and enthusiasm is visible in the eyes and features and in every activity of those who are full of attainments. Set the switch of your promise and continue to move along according to your promise in a practical way. Along with courage, also have enthusiasm and the sparkle...
23-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जो प्राप्तियों से सम्पन्न होते हैं उनके हर चलन, नैन चैन से उमंग-उत्साह दिखाई देता है। प्रतिज्ञा रूपी स्वीच को सेट कर प्रैक्टिकल में प्रतिज्ञा प्रमाण चलते रहो। हिम्मत के साथ हुल्लास हो तो प्राप्ति की झलक दूर से ही दिखाई देगी। – “ॐ शान्ति”।...
22-12-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
Baba says: Constantly remember Me alone and your sins will be absolved. I guarantee this. The Purifier Father says: I also said 5000 years ago: O children, break the yoga of your intellects away from all bodily beings and remember Me. These are the elevated versions of the Gita....
22-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाबा कहते हैं - मामेकम् याद करो तो विकर्म विनाश होंगे। मैं गैरन्टी करता हूँ - पतित-पावन बाप कहते हैं मैंने 5 हजार वर्ष पहले भी ऐसे कहा था कि हे बच्चे देह सहित देह के सब सम्बन्धों से बुद्धियोग तोड़ मुझे याद करो। यह गीता के महावाक्य हैं।...
21-12-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli
The children who experience the supersensuous joy of the confluence age have the intoxication of the double attainment of always having peace and happiness. The attainments of this time are supersensuous joy and knowledge and they cannot be received at any other time. So, claim a right to this...
21-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जो बच्चे संगमयुग पर अतीन्द्रिय सुख का अनुभव कर लेते हैं उन्हें सदा शान्ति और खुशी की डबल प्राप्ति का नशा रहता है। इस समय की प्राप्ति अतीन्द्रिय सुख और नॉलेज भी फिर कभी नहीं मिल सकती। तो इस डबल प्राप्ति के अधिकारी बनो।– “ॐ शान्ति”।...