22-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाबा कहते हैं - मामेकम् याद करो तो विकर्म विनाश होंगे। मैं गैरन्टी करता हूँ - पतित-पावन बाप कहते हैं मैंने 5 हजार वर्ष पहले भी ऐसे कहा था कि हे बच्चे देह सहित देह के सब सम्बन्धों से बुद्धियोग तोड़ मुझे याद करो। यह गीता के महावाक्य हैं।...
21-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जो बच्चे संगमयुग पर अतीन्द्रिय सुख का अनुभव कर लेते हैं उन्हें सदा शान्ति और खुशी की डबल प्राप्ति का नशा रहता है। इस समय की प्राप्ति अतीन्द्रिय सुख और नॉलेज भी फिर कभी नहीं मिल सकती। तो इस डबल प्राप्ति के अधिकारी बनो।– “ॐ शान्ति”।...
20-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जो बच्चे आत्म-अभिमानी बनते हैं वह सहज ही निर्विकारी बन जाते हैं। आत्म-अभिमानी स्थिति द्वारा मन्सा में भी निर्विकारीपन की स्टेज का अनुभव होता है।इसके लिए साकार में रहते हुए अपनी निराकारी आत्म-अभिमानी स्थिति में स्थित रहो। – “ॐ शान्ति”।...
19-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जैसे साकार बाप ने पूरा ही अपने को विल किया वैसे आप लोगों की जो स्मृति है, समय और संकल्पों का खजाना है उसे विल करो अर्थात् श्रीमत प्रमाण सेवाओं में लगाओ तो मोहजीत, बन्धनमुक्त बन जायेंगे।– “ॐ शान्ति”।...
18-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सदा एकरस स्थिति के आसन पर स्थित हो अपने तपस्वी रूप को प्रत्यक्ष करो। आपकी हर कर्मेन्द्रिय से देह-अभिमान का त्याग और आत्म-अभिमानी बनने की तपस्या प्रत्यक्ष रूप में दिखाई दे। - ॐ शान्ति। ...
17-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सेवाधारी के साथ-साथ त्यागी, तपस्वीमूर्त बनो तब सेवा का प्रत्यक्षफल दिखाई देगा।जो भी संकल्प उठे उसमें हर आत्मा का कल्याण समाया हुआ हो तब कहेंगे सर्व के कल्याणकारी। -ॐ शान्ति। ...
16-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जैसे साकार बाप ने अपना हर कर्म यादगार बनाया ऐसे आप सभी का हर कर्म यादगार तब बनेगा जब स्वयं को आधारमूर्त और उद्धारमूर्त समझकर चलेंगे। ऐसे श्रेष्ठ कर्म ही यादगार बनते हैं। - ॐ शान्ति। ...
15-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप समान वा सम्पूर्ण बनने के लिए सृष्टि की कयामत के पहले अपनी कमजोरियों और कमियों की कयामत करो। कोई भी उलझन का नाम निशान न रहे ऐसा अपने को उज्जवल बनाओ। अस्थियों को भी सम्पूर्ण स्थिति के सागर में समा दो तब कहेंगे समान और सम्पूर्ण। - ॐ...
14-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
हड्डी (जिगरी) सुख का अनुभव करने के लिए बाप जो पढ़ाते हैं, उसे बुद्धि में धारण करना है। विचार सागर मंथन करना है। -ॐ शान्ति। ...
13-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जैसे बाप के स्नेही बने हो ऐसे बाप को साथी बनाओ तो माया दूर से ही मूर्छित हो जायेगी। तो साथी को सदा साथ रखो, साथ की शक्ति से वा मिलन में मगन रहने से मायाजीत, जगतजीत बन जायेंगे। - ॐ शान्ति। ...