Tag: BK मुरली

13-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जो बच्चे इतना अटेन्शन रखकर हर कर्म करते हैं उनका बोलना, चलना, उठना, बैठना सब ब्रह्मा बाप के समान होगा। हर कर्म वरदान योग्य होगा, मुख से सदैव वरदान निकलते रहेंगे। फिर साधारण कर्म में भी विशेषता दिखाई देगी। तो यह सर्टीफिकेट लो तब कहेंगे बाप समान।- ॐ शान्ति।...

12-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाप के साथ सदा सच्चे रहना है। विकारों का दान देकर फिर भस्मासुर नहीं बनना है। पवित्रता का फरमान जरूर पालन करना है।विकारों के सूक्ष्म नशे को योगबल से समाप्त करना है। पढ़ाई अच्छी रीति पढ़नी और पढ़ानी है। - ॐ शान्ति। ...

11-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जितना बेहद की प्राप्तियों में मगन रहेंगे उतना हद की आकर्षण से परे रह परमात्म प्यार में समाने का अनुभव करेंगे। आपकी यह लवलीन स्थिति वातावरण में रूहानियत की खुशबू फैलायेगी। - ॐ शान्ति। ...

10-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

यदि कहते हो कि ब्रह्मा बाप से हमारा बहुत प्यार है तो प्यार की निशानी है जिससे बाप का प्यार रहा उससे प्यार हो। जो भी कर्म करो, कर्म के पहले, बोल के पहले, संकल्प के पहले चेक करो कि यह ब्रह्मा बाप को प्रिय है?तो प्यार का प्रैक्टिकल...

9-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जैसे ब्रह्मा बाप साधारण तन में होते भी सदा पुरूषोत्तम अनुभव होते थे।कर्म भल साधारण हो लेकिन स्थिति महान हो। चेहरे पर श्रेष्ठ जीवन का प्रभाव हो। हर चलन से बाप का अनुभव हो, ब्रह्मा बाप समान पुरूषोत्तम स्थिति हो - तब कहेंगे बाप समान। – “ॐ शान्ति”।...

8-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

ब्रह्मा बाप के बोल, चाल, चेहरे और चलन में जो रायॅल्टी देखी - उसमें फालो करो। जैसे ब्रह्मा बाप ने कभी छोटी-छोटी बातों में अपनी बुद्धि वा समय नहीं दिया। उनकी वृत्ति हर आत्मा प्रति सदा शुभ भावना, शुभ कामना वाली रही, दृष्टि से सबको फरिश्ते रूप में देखा।...

7-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

ज्ञानी-योगी आत्मा तो बने हो अभी ज्ञान, योग की शक्ति को प्रयोग में लाने वाले प्रयोगी आत्मा बनो। जैसे साइन्स के साधनों का प्रयोग लाइट द्वारा होता है। ऐसे साइलेन्स की शक्ति का आधार भी लाइट है। अगर स्थिति और स्वरूप डबल लाइट है तो प्रयोग की सफलता सहज...

6-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

“सदा स्मृति में रखो कि हम बाप के नयनों के सितारे हैं, नयनों में सितारा अर्थात् बिन्दू ही समा सकता है।बिन्दू बन हर कर्म करो तो लाइट रहेंगे।मेरा के बजाए तेरा कहो तो डबल लाइट बन जायेंगे। स्व उन्नति वा विश्व सेवा के कार्य का भी बोझ अनुभव नहीं...

5-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

निमित्तपन का भाव बोझ को सहज खत्म कर देता है। मेरी जिम्मेवारी है, मेरे को ही सम्भालना है, मेरे को ही सोचना है....तो बोझ होता है। जिम्मेवारी बाप की है और बाप ने ट्रस्टी अर्थात् निमित्त बनाया है इस स्मृति से डबल लाइट बन उड़ती कला का अनुभव करते...

4-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

अभी चढ़ती कला का समय समाप्त हुआ, अभी उड़ती कला का समय है। उड़ती कला की निशानी है डबल लाइट। थोड़ा भी बोझ होगा तो नीचे ले आयेगा। जब ऐसे आकर्षण मुक्त, डबल लाइट बनो तब सम्पूर्ण बन सकेंगे। - ॐ शान्ति। ...