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1-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

कई बच्चे कहते हैं मेरा यह गुण है, मेरी शक्ति है, यह भी गलती है, परमात्म देन को मेरा मानना यह महापाप है। मेरी कहना माना मैला होना - यह भी ठगी है, इसलिए इस हद के मेरे-पन को अर्पण कर सदा बाबा शब्द याद रहे, तब कहेगे बेहद...

30-5-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

संगमयुग पर बाप द्वारा जो वरदानों का खजाना मिला है उसे जितना बढ़ाना चाहो उतना दूसरों को देते जाओ। जैसे बाप मर्सीफुल है ऐसे बाप समान मर्सीफुल बनो, जब थोड़े समय में सारे विश्व की सेवा सम्पन्न करनी है तो तीव्रगति से सेवा करो। जितना स्वयं को सेवा में...

29-5-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:25-02-1991.

जब आप विश्व परिवर्तक आत्मायें संगठित रूप में सम्पन्न, सम्पूर्ण स्थिति से विश्व परिवर्तन का संकल्प करेंगी तब यह प्रकृति सम्पूर्ण हलचल की डांस शुरू करेगी। साथ-साथ इतनी पावरफुल तपस्या की ऊंची स्थिति हो जो सबका एक साथ संकल्प हो “परिवर्तन'' और प्रकृति हाजिर हो जाए।- ओम् शान्ति।...

28-5-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सन्तुष्टमणि उन्हें कहा जाता जो स्वयं से, सेवा से और सर्व से सन्तुष्ट हो। तपस्या द्वारा सन्तुष्टता रूपी फल प्राप्त कर लेना - यही तपस्या की सिद्धि है। ऐसी सन्तुष्टमणियां स्वयं को सर्व की दुआओं के विमान में उड़ता हुआ अनुभव करेंगी।- ओम् शान्ति।...

27-5-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

संगमयुग पर विशेष खुशियों भरी बधाईयों से ही सर्व ब्राह्मण वृद्धि को प्राप्त कर रहे हैं। ब्राह्मण जीवन की पालना का आधार बधाईयां हैं। बाप के स्वरूप में हर समय बधाईयां हैं, इसलिए पदमापदम भाग्यवान हो जो भाग्यविधाता भगवान के बच्चे, सम्पूर्ण भाग्य के अधिकारी बन गये।- ओम् शान्ति।...

26-5-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो महान आत्मायें हैं वह सदैव ऊंची स्थिति में रहती हैं। ऊंची स्थिति ही ऊंचा आसन है। जब ऊंची स्थिति के आसन पर रहते हो तो माया आ नहीं सकती। वो आपको महान समझकर आपके आगे झुकेगी, वार नहीं करेंगी, हार मानेंगी। - ओम् शान्ति।...

25-5-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सिर्फ वाणी की सेवा ही सेवा नहीं है, शुभ भावना, शुभ कामना रखना भी सेवा है। ब्राह्मणों का आक्यूपेशन ही है ईश्वरीय सेवा। कहाँ भी रहते सेवा करते रहो। अपने खजाने से, शुभ-भावना, शुभ-कामना की अंचली जरूर दो, तब कहेंगे सच्चे सेवाधारी।- ओम् शान्ति।...

24-5-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

तपस्या की सफलता का विशेष आधार वा सहज साधन है - एक शब्द का पाठ पक्का करो। तपस्या अर्थात् एक का बनना, तपस्या अर्थात् मन-बुद्धि को एकाग्र करना। इस एक के पाठ को स्मृति में रखो तो निरन्तर योगी, सहजयोगी बन जायेंगे। मेहनत से छूट जायेंगे।- ओम् शान्ति।...

23-5-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

समय की परिस्थितियों के प्रमाण, स्व की उन्नति वा तीव्रगति से सेवा करने तथा बापदादा के स्नेह का रिटर्न देने के लिए वर्तमान समय तपस्या की अति आवश्यकता है। बाप से बच्चों का प्यार है लेकिन बापदादा प्यार के रिटर्न स्वरूप में बच्चों को अपने समान देखना चाहते हैं।...

22-5-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:13-02-1991.

जो बच्चे अष्ट शक्तियों से सम्पन्न हैं वो हर कर्म में समय प्रमाण, परिस्थिति प्रमाण, हर शक्ति को कार्य में लगाते हैं। उन्हें अष्ट शक्तियां इष्ट और अष्ट रत्न बना देती हैं। उनके हर कदम में सफलता समाई रहती है। कोई भी परिस्थिति उन्हें श्रेष्ठ स्थिति से नीचे नहीं...