02-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “The Father is teaching you to renounce the whole of the old world.”
In today’s world, people in top positions, set their daily timetable according to their time. In the same way, all of you who are the images of support for world renewal, those who are the hero actors in this unlimited drama, the ones who have lives as valuable as...
01-1-2023 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 26-3-1993: “अव्यक्त वर्ष में लक्ष्य और लक्षण को समान बनाओ”
आप बच्चे मरजीवा बने ही हो सदा सन्तुष्ट रहने के लिए। जहाँ सन्तुष्टता है वहाँ सर्वगुण और सर्वशक्तियां हैं क्योंकि रचयिता को अपना बना लिया, तो बाप मिला सब कुछ मिला। सर्व इच्छायें इक्ट्ठी करो उनसे भी पदमगुणा ज्यादा मिला है। उसके आगे इच्छायें ऐसे हैं जैसे सूर्य के...
31-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Give everyone the Father’s introduction.”
The sign of greatness is humility. To the extent that you have humility you are accordingly great, because you are constantly full. The more a tree is laden with fruit, the more it will bow down. So, it is humility that serves and those who have humility receive respect...
31-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “सबको बाप का परिचय देना है”
महानता की निशानी निर्मानता है। जितना महान उतना निर्मान क्योंकि सदा भरपूर हैं। जैसे वृक्ष जितना भरपूर होगा उतना झुका हुआ होगा। तो निर्मानता ही सेवा करती है और जो निर्मान रहता है वह सर्व द्वारा मान पाता है। - ओम् शान्ति।...
30-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “The Father has come from the faraway land to establish both a religion and a kingdom.”
The victory of the children who are full of all the powers and have intellects full of faith have guaranteed.You have all the powers. You constantly have the greatest, imperishable wealth with you. Therefore, you have the power of wealth, you also have the powers of wisdom and position,...
30-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “दूरदेश से बाप आये हैं धर्म और राज्य दोनों की स्थापना करने”
सर्व शक्तियों से सम्पन्न निश्चयबुद्धि बच्चों की विजय निश्चित है ही। आपके पास तो सब शक्तियां हैं। सबसे बड़ा धन अविनाशी धन सदा साथ है, तो धन की भी शक्ति है, बुद्धि और पोजीशन की भी शक्ति है, इन्हें सिर्फ यूज़ करो, स्व के प्रति कार्य में लगाओ तो समय...
29-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “कोई कितना भी गुणवान हो – मीठा हो – धनवान हो तुम्हें उसकी तरफ आकर्षित नहीं होना है”
ब्राह्मण जीवन का आधार है याद और सेवा। इसलिए याद और सेवा दोनों में तीव्रगति चाहिए। याद और नि:स्वार्थ सेवा है तो मायाजीत बनना बहुत सहज है फिर हर कर्म में विजय दिखाई देगी। - ओम् शान्ति। ...
29-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “No matter how virtuous – sweet or wealthy someone is you must not be attracted to anyone.”
The basis of your Brahmin life is having remembrance and doing service. there has to be a fast speed in both your remembrance and the service you do. When there is remembrance and altruistic service, it is then very easy to become a conqueror of Maya and you would...
28-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You are studying a very high study with the unlimited Father.”
The five vices are like a poisonous snake for people, but for you yogi and tapaswi souls, this snake becomes a garland around your necks. This is why they have portrayed a snake as a garland around the neck in the memorial of the bodiless and tapaswi Shankar...
28-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बेहद के बाप से तुम बहुत ऊंची पढ़ाई पढ़ रहे हो”
ये पांच विकार लोगों के लिए जहरीले सांप हैं लेकिन आप योगी तपस्वी आत्माओं के लिए ये सांप गले की माला बन जाते हैं इसलिए आप ब्राह्मणों के और ब्रह्मा बाप के अशरीरी, तपस्वी शंकर स्वरूप के यादगार में सांपों की माला गले में दिखाते हैं। तो जब विकारों...