Tag: Bhagwanu Vach

24-12-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

To the extent that each of your actions is elevated, accordingly, you will be remembered among the elevated souls.For this, you have to become yogyukt. By your becoming yogyukt, every thought, word and action of yours will definitely be yuktiyukt. Such souls cannot have any thoughts or actions that...

24-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

आपका एक-एक कर्म जितना श्रेष्ठ होगा उतना ही श्रेष्ठ आत्माओं में सिमरण किये जायेंगे। तो आप श्रेष्ठ कर्मो के आधार पर सिमरण योग्य बनते जायेंगे, इसके लिए योगयुक्त बनो। योगयुक्त बनने से हर संकल्प, शब्द वा कर्म युक्तियुक्त अवश्य होगा, उनसे अयुक्त कर्म वा संकल्प हो ही नहीं सकता...

23-12-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Zeal and enthusiasm is visible in the eyes and features and in every activity of those who are full of attainments. Set the switch of your promise and continue to move along according to your promise in a practical way. Along with courage, also have enthusiasm and the sparkle...

23-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जो प्राप्तियों से सम्पन्न होते हैं उनके हर चलन, नैन चैन से उमंग-उत्साह दिखाई देता है। प्रतिज्ञा रूपी स्वीच को सेट कर प्रैक्टिकल में प्रतिज्ञा प्रमाण चलते रहो। हिम्मत के साथ हुल्लास हो तो प्राप्ति की झलक दूर से ही दिखाई देगी। – “ॐ शान्ति”।...

22-12-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Baba says: Constantly remember Me alone and your sins will be absolved. I guarantee this. The Purifier Father says: I also said 5000 years ago: O children, break the yoga of your intellects away from all bodily beings and remember Me. These are the elevated versions of the Gita....

22-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाबा कहते हैं - मामेकम् याद करो तो विकर्म विनाश होंगे। मैं गैरन्टी करता हूँ - पतित-पावन बाप कहते हैं मैंने 5 हजार वर्ष पहले भी ऐसे कहा था कि हे बच्चे देह सहित देह के सब सम्बन्धों से बुद्धियोग तोड़ मुझे याद करो। यह गीता के महावाक्य हैं।...

21-12-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

The children who experience the supersensuous joy of the confluence age have the intoxication of the double attainment of always having peace and happiness. The attainments of this time are supersensuous joy and knowledge and they cannot be received at any other time. So, claim a right to this...

21-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जो बच्चे संगमयुग पर अतीन्द्रिय सुख का अनुभव कर लेते हैं उन्हें सदा शान्ति और खुशी की डबल प्राप्ति का नशा रहता है। इस समय की प्राप्ति अतीन्द्रिय सुख और नॉलेज भी फिर कभी नहीं मिल सकती। तो इस डबल प्राप्ति के अधिकारी बनो।– “ॐ शान्ति”।...

20-12-2021 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

The children who become soul conscious easily become viceless. With the soul-conscious stage, you can experience the viceless stage even in your thoughts. For this, while being in your corporeal body, remain stable in your incorporeal, soul-conscious stage.– “Om Shanti”...

20-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जो बच्चे आत्म-अभिमानी बनते हैं वह सहज ही निर्विकारी बन जाते हैं। आत्म-अभिमानी स्थिति द्वारा मन्सा में भी निर्विकारीपन की स्टेज का अनुभव होता है।इसके लिए साकार में रहते हुए अपनी निराकारी आत्म-अभिमानी स्थिति में स्थित रहो। – “ॐ शान्ति”।...