13-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Remove the happiness of the old world from your intellects. Don’t follow the dictates of your own minds.”
The Father’s biggest title is: World Servant. In the same way, children are also world servants, that is, servers. A server means a renunciate and a tapaswi. When someone has renunciation and tapasya, fortune comes in front of that one like a servant. Servers are those who give, not...
12-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “The Father – the Master – has taught you the art of changing yourselves from human beings into deities.”
In the final moments, when weak souls have even a little experience of attainment through you perfect souls, they will carry the sanskars of that final experience and rest in their home for half a cycle. Then, they will become your devotees in the copper age and worship and...
12-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप उस्ताद ने तुम्हें मनुष्य से देवता बनने का हुनर सिखलाया है”
अन्तिम समय में जब कमजोर आत्मायें आप सम्पूर्ण आत्माओं द्वारा प्राप्ति का थोड़ा भी अनुभव करेंगी तो यही अन्तिम अनुभव के संस्कार लेकर आधाकल्प के लिए अपने घर में विश्रामी होंगी और फिर द्वापर में भक्त बन आपका पूजन और गायन करेंगी। यह सेकण्ड का शक्तिशाली स्थिति द्वारा किया...
11-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Continue to connect your intellects in yoga to the Father”
You will experience easy success with your power of thought in many tasks. sparkling when your thoughts are elevated and powerful and you are constantly lost in the depths of the one Father. Your spiritual eyes and spiritual image will become a divine mirror. This divine mirror becomes an...
11-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बुद्धि का योग बाप से लगाते रहो”
संकल्प शक्ति द्वारा बहुत से कार्य सहज सफल होने की सिद्धि का अनुभव होता है। सदा एक बाप के अन्त में खोये रहेंगे, आपके यह रूहानी नयन, रूहानी मूर्त दिव्य दर्पण बनेंगे। ऐसे दिव्य दर्पण ही अनेक आत्माओं को आत्मिक स्वरूप का अनुभव कराने वाले सफलतामूर्त होते हैं।- ओम्...
10-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हारा यह मरजीवा जन्म है – तुम ईश्वर बाप से वर्सा ले रहे हो”
जैसे साइन्स के साधनों द्वारा दूर की हर वस्तु समीप अनुभव होती है, ऐसे दिव्य बुद्धि द्वारा दूर की वस्तु समीप अनुभव कर सकते हो।सिर्फ इसके लिए मास्टर सर्वशक्तिमान, सम्पन्न और सम्पूर्ण स्थिति में स्थित रहो और संकल्प शक्ति को स्वच्छ बनाओ। - ओम् शान्ति।...
10-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “this is the birth in which you have died alive. You are claiming your inheritance from God”
With the facilities of science, you are able to experience things far away to be close to you. In the same way, with your divine intellect, you are able to experience something far away to be close to you.For this, you simply need to be stable in the stage...
9-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मरजीवा बने हो तो सब कुछ भूल जाओ”
आप अनेक आत्माओं के उमंग-उत्साह को बढ़ाने के निमित्त बच्चे कभी भी मैं पन में नहीं आना। मैंने किया, नहीं। बाबा ने निमित्त बनाया। मैं के बजाए मेरा बाबा, मैने किया, मैने कहा, यह नहीं। बाबा ने कराया, बाबा ने किया तो सफलतामूर्त बन जायेंगे। जितना आपके मुख से...
08-1-2023 – ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised: 23-4-1993: “May you have an intellect filled with faith! May you be immortal!”
The sovereignty of being carefree is the highest sovereignty of all.God, the Bestower of Fortune, has drawn the line of your elevated fortune on your foreheads and so you have become carefree emperors. So, always continue to see your elevated line of fortune on your forehead. Wah my elevated...
8-1-2023 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 23-4-1993: “निश्चयबुद्धिभव – अमरभव”
बेफिक्र रहने की बादशाही सब बादशाहियों से श्रेष्ठ है। भाग्य विधाता भगवान ने आपके मस्तक पर श्रेष्ठ भाग्य की लकीर खींच दी, बेफिक्र बादशाह हो गये। तो सदा अपने मस्तक पर श्रेष्ठ भाग्य की लकीर देखते रहो - वाह मेरा श्रेष्ठ ईश्वरीय भाग्य, इसी फ़खुर में रहो तो सब...