4-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “तुम्हें बाप समान रूप बसन्त बनना है”
सबसे सहज और निरन्तर याद का साधन है-सदा बाप के साथ का अनुभव हो। साथ की अनुभूति याद करने की मेहनत से छुड़ा देती है। तो हर कर्म में बाप ऐसा साथी है जो मुश्किल को भी सहज करने वाला है। ऐसे साथी के साथ का सदा अनुभव होता...