19-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम ज्ञान को बुद्धि में रख सदा हर्षित रहो।”
जो बच्चे सदा एक बाप के स्नेह में समाये हुए हैं -बाप उनसे जुदा नहीं और वे बाप से जुदा नहीं। स्नेह में समाई हुई आत्मायें सदा सर्व प्राप्ति सम्पन्न होने के कारण सहज ही “एक बाप दूसरा न कोई'' इस अनुभूति में रहती हैं। समाई हुई आत्माओं के...