“Why do we need knowledge before we can have yoga?”
“Why do we need knowledge before we can have yoga?” : It is always said that we first need understanding, otherwise wrong actions will be performed and this is why knowledge is essential first. – Om Shanti....
25-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:15-4-1992: “The particular difference between truth and falsehood.”
BapDada’s teaching is: Do not listen to anything wasteful, do not speak anything wasteful, do not do anything wasteful, do not see anything wasteful and do not think anything wasteful. Become so powerful that no colour, other than the colour of the Father’s company, can influence you. With the...
25-9-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 24-9-1992: “सत्य और असत्य का विशेष अन्तर”
बापदादा की शिक्षा है - न व्यर्थ सुनो, न व्यर्थ बोलो, न व्यर्थ करो, न व्यर्थ देखो, न व्यर्थ सोचो। ऐसे शक्तिशाली बनो जो बाप के सिवाए और कोई भी संग का रंग प्रभावित न करे। परखने की शक्ति द्वारा खराब वा व्यर्थ संग को पहले से ही परखकर...
24-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “first have the faith that each of you is a soul.”
In the world, there is the power of science, the power of government and the power of devotion. However, you have the power of knowledge and the power of yoga. These are the most elevated powers. The power of yoga enables you to be victorious over Maya for all...
24-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “पहला निश्चय करो कि मैं आत्मा हूँ”
दुनिया में साइन्स का भी बल है, राज्य का भी बल है और भक्ति का भी बल है लेकिन आपके पास है ज्ञान बल और योग बल। यह सबसे श्रेष्ठ बल है। यह योगबल माया पर सदा के लिए विजयी बनाता है। इस बल के आगे माया की शक्ति...
23-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “कोई भी उल्टे कर्म वा विकर्म नहीं करने हैं”
होलीहंस की विशेषता है -होलीहंस अर्थात् सदा स्वच्छ,- सदा ज्ञान रत्न चुगना, स्वच्छता अर्थात् पवित्रता, हर समय बुद्धि में ज्ञान रत्न चलते रहें, ज्ञान का मनन चलता रहे तो व्यर्थ नहीं चलेगा। इसको कहा जाता है रत्न चुगना।। - ओम् शान्ति।...
22-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “जितना समय मिले सच्ची कमाई करो”
माया की छाया से बचने का साधन है-बाप की छत्रछाया। छत्रछाया में रहना अर्थात् खुश रहना। सब फिक्र बाप को दे दिया। जिनकी खुशी गुम होती है, कमजोर हो जाते हैं उन पर माया की छाया का प्रभाव पड़ ही जाता है क्योंकि कमजोरी माया का आह्वान करती है।...
21-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “It is only you poor children who take a handful of knowledge from the Father and become wealthy.”
When souls are crying out in the upheaval of nature and asking for mercy, listen to their call and let your merciful form emerge. In order to transform the world of sorrow and suffering, make yourself complete. Intensify your good wishes for transformation. – Om Shanti....
21-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम गरीब बच्चे ही बाप से ज्ञान की मुट्ठी ले साहूकार बनते हो”
प्रकृति की हलचल में जब आत्मायें चिल्लाती हैं, मर्सी और रहम मांगती हैं तो अपने मर्सीफुल स्वरूप को इमर्ज कर उनकी पुकार सुनो। दुख दर्द की दुनिया को परिवर्तन करने के लिए स्वयं को सम्पन्न बनाओ। परिवर्तन की शुभ भावना को तीव्र करो। - ओम् शान्ति।...
20-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “बाप समान पतितों को पावन बनाने का पुरूषार्थ करो”
जो अपने निज़ी लाइट स्वरूप की स्मृति में रहते हैं उनमें व्यर्थ को समर्थ में परिवर्तन करने की शक्ति होती है। वे व्यर्थ समय, व्यर्थ संग, व्यर्थ वातावरण को सहज परिवर्तन कर डबल लाइट रहते हैं। ऐसे तीव्र पुरूषार्थी बच्चे सहज ही फरिश्ते पन की स्थिति को प्राप्त कर...