17-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “दूसरों का कल्याण करने के निमित्त बनो”
बाप की याद ही छत्रछाया है, जितना याद में रहते उतना साथ का अनुभव होता है। छत्रछाया में रहना अर्थात् सदा सेफ रहना। छत्रछाया के नीचे, मर्यादा की लकीर के अन्दर रहने से कोई की हिम्मत नहीं अन्दर आने की।इसलिए साथ के अनुभव से मायाजीत बनो।- ओम् शान्ति।...
17-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Become instruments to bring constant benefit to yourselves and others.”
Remembrance of the Father is your canopy of protection. According to how much you have remembrance of the Father, you experience His company. To stay under the canopy of protection means to be constantly safe. When you stay under the canopy of protection and within the line of the...
16-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:03-11-1992: “The signs of souls who are filled with spiritual royalty.”
In the physical world, it is said: Eat fresh fruit and you will stay healthy. They show fruit as a means of staying healthy. You children eat instant fruit at every second. I am in a happy state and I move like an angel. I am healthy, wealthy and...
16-10-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 3-11-1992: “रूहानी रॉयल्टी सम्पन्न आत्माओं की निशानियां”
जैसे साकार दुनिया में कहते हैं कि ताजा फल खाओ तो तन्दरूस्त रहेंगे। हेल्दी रहने का साधन फल बताते हैं और आप बच्चे तो हर सेकण्ड प्रत्यक्ष फल खाने वाले हो, हाल है खुशहाल और चाल है फरिश्तों की, हम हेल्दी भी हैं, वेल्दी भी हैं तो हैपी भी...
15-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “सवेरे-सवेरे उठ याद में बैठने का अभ्यास डालो”
जो सदा मालिकपन की स्मृति में स्थित रहते हैं - उनके संकल्प आर्डर प्रमाण चलते हैं। मन, मालिक को परवश नहीं बना सकता। ब्राह्मण आत्मा कभी अपने कमजोर स्वभाव-संस्कार के वश नहीं हो सकती। - ओम् शान्ति।...
15-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “wake up early in the morning and sit in remembrance.”
The thoughts of those who are constantly stable in the stage of the master are always in order. The mind cannot influence its master. Brahmin souls cannot be influenced by their weak natures or sanskars. – Om Shanti....
In Spiritual Study -“What are the first points that we have to keep in our intellects and pay a lot of attention?”
this Godly knowledge cannot be taught by any human, whether he is a sage, a saint, or a great soul. It can only be taught by the Supreme Soul, Himself.– Om Shanti....
आद्यात्मिक पढ़ाई में :“पहले-पहले कौनसी मुख्य प्वाइन्ट जिस पर खूब अटेन्शन रखना है?”
"यह ईश्वरीय नॉलेज सिवाए एक परमात्मा बिगर कोई भी मनुष्य आत्मा चाहे साधू, संत, महात्मा हो वो भी नहीं पढ़ा सकेगा।“-ओम् शान्ति।...
14-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें पढ़ाई का बहुत कदर रखना है।”
एकाग्रता की शक्ति सहज ही निर्विघ्न बना देती है। इसके लिए मन और बुद्धि को किसी भी अनुभव की सीट पर सेट कर दो। एकागता की शक्ति स्वत: ही “एक बाप दूसरा न कोई'' - यह अनुभूति कराती है। इससे सहज ही एकरस स्थिति बन जाती है। सर्व के...
13-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “अब तुम्हारे सुख के दिन आये कि आये”
इस कल्याणकारी युग में, कल्याणकारी बाप के साथ-साथ आप बच्चे भी कल्याणकारी हो। आपकी चैलेन्ज है कि हम विश्व परिवर्तक हैं। दुनिया वालों को सिर्फ विनाश दिखाई देता इसलिए समझते हैं - यह अकल्याण का समय है लेकिन आपके सामने विनाश के साथ स्थापना भी स्पष्ट है और मन...