31-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you should make effort to stay in as much yoga as possible.”
The children who make a true promise in their minds, your minds then become “Manmanabhav”. This mantra of “Manmanabhav” becomes a weapon to overcome any situation. However, let it enter your mind: “I have to do this.” Have the thought that whatever the Father has said is already accomplished....
“No soul can ever be part of the Supreme Soul.”
"Souls are immortal and imperishable, and so the One who creates souls is also definitely immortal. To separate the Supreme Soul into such pieces means to say that the Supreme Soul is perishable..."– Om Shanti....
“आत्मा कभी परमात्मा का अंश नहीं हो सकती है”
"आत्मा ही अज़र अमर है, तो अवश्य आत्मा को पैदा करने वाला अमर ठहरा। ऐसे अमर परमात्मा को टुकडे में ले आना गोया परमात्मा को भी विनाशी कह दिया।".... - ओम् शान्ति।...
30-10-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 21-11-1992: “कर्मों की गुह्य गति के ज्ञाता बनो”
मास्टर ज्ञान सूर्य वह हैं जो विश्व से अंधकार को मिटाकर रोशनी देने वाले हैं। वह स्वयं भी प्रकाश स्वरूप, लाइट-माइट रूप हैं और दूसरों को भी लाइट-माइट देने वाले हैं। जहाँ सदा रोशनी होती है वहाँ अंधकार का सवाल ही नहीं, अंधकार हो ही नहीं सकता। जो विश्व...
29-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Remember the Father who makes your life like a diamond with great happiness.”
Just as you pay special attention in Brahmin life to conquer lust, the greatest enemy, in the same way, also bid farewell to its companions. However, you can only be said to be completely pure when no trace of any vice remains in you. Make such a firm vow...
29-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “हीरे जैसा जीवन बनाने वाले बाप को बहुत खुशी-खुशी से याद करो”
ब्राह्मण जीवन में जैसे काम महाशत्रु को जीतने के लिए विशेष अटेन्शन रखते हो, ऐसे उसके सभी साथियों को भी विदाई दो। कई बच्चे क्रोध महाभूत को तो भगाते हैं लेकिन क्रोध के बाल-बच्चों से थोड़ी प्रीत रखते हैं। लेकिन सम्पूर्ण पवित्र तब कहेंगे जब कोई भी विकार का...
“आत्मा और परमात्मा में फर्क।”
"इस सारे जगत् का निर्णय परमात्मा आकर करता है , वही हमें रचता का भी परिचय देते हैं और फिर अपनी रचना का भी परिचय देते हैं।"- ओम् शान्ति।...
“The difference between souls and the Supreme Soul.”
God comes and decides about this world, He alone gives us the introduction of the Creator and He then also introduces His creation to us. – Om Shanti....
28-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “The Father – The Innocent Lord is the only One who fills your aprons with jewels of knowledge.”
Any festival is celebrated to bring zeal and enthusiasm. The lives of you Brahmin children are lives full of enthusiasm. Just as there is life in this body when there is breath, in the same way, the breath of Brahmin life is zeal and enthusiasm. This is why every...
28-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “भोलानाथ बाप एक है जो तुम्हारी झोली ज्ञान रत्नों से भरते हैं”
कोई भी उत्सव, उमंग उत्साह के लिए मनाते हैं। आप ब्राह्मण बच्चों की जीवन ही उत्साह भरी जीवन है। जैसे इस शरीर में श्वांस है तो जीवन है ऐसे ब्राह्मण जीवन का श्वांस ही उमंग-उत्साह है। इसलिए संगमयुग की हर घड़ी उत्सव है।तो चेक करो कि ब्राह्मण जीवन के...