10-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हारा यह मरजीवा जन्म है – तुम ईश्वर बाप से वर्सा ले रहे हो”
जैसे साइन्स के साधनों द्वारा दूर की हर वस्तु समीप अनुभव होती है, ऐसे दिव्य बुद्धि द्वारा दूर की वस्तु समीप अनुभव कर सकते हो।सिर्फ इसके लिए मास्टर सर्वशक्तिमान, सम्पन्न और सम्पूर्ण स्थिति में स्थित रहो और संकल्प शक्ति को स्वच्छ बनाओ। - ओम् शान्ति।...
10-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “this is the birth in which you have died alive. You are claiming your inheritance from God”
With the facilities of science, you are able to experience things far away to be close to you. In the same way, with your divine intellect, you are able to experience something far away to be close to you.For this, you simply need to be stable in the stage...
09-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “since you have died a living death you have to forget everything”
You instrument children who increase the zeal and enthusiasm of other souls must never have the consciousness of “I”. It should not be: “I did this”, but: Baba made me an instrument. Instead of “I”, say, “My Baba”. Not, “I did this, I said this”, but “Baba made me...
9-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मरजीवा बने हो तो सब कुछ भूल जाओ”
आप अनेक आत्माओं के उमंग-उत्साह को बढ़ाने के निमित्त बच्चे कभी भी मैं पन में नहीं आना। मैंने किया, नहीं। बाबा ने निमित्त बनाया। मैं के बजाए मेरा बाबा, मैने किया, मैने कहा, यह नहीं। बाबा ने कराया, बाबा ने किया तो सफलतामूर्त बन जायेंगे। जितना आपके मुख से...
08-1-2023 – ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised: 23-4-1993: “May you have an intellect filled with faith! May you be immortal!”
The sovereignty of being carefree is the highest sovereignty of all.God, the Bestower of Fortune, has drawn the line of your elevated fortune on your foreheads and so you have become carefree emperors. So, always continue to see your elevated line of fortune on your forehead. Wah my elevated...
8-1-2023 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 23-4-1993: “निश्चयबुद्धिभव – अमरभव”
बेफिक्र रहने की बादशाही सब बादशाहियों से श्रेष्ठ है। भाग्य विधाता भगवान ने आपके मस्तक पर श्रेष्ठ भाग्य की लकीर खींच दी, बेफिक्र बादशाह हो गये। तो सदा अपने मस्तक पर श्रेष्ठ भाग्य की लकीर देखते रहो - वाह मेरा श्रेष्ठ ईश्वरीय भाग्य, इसी फ़खुर में रहो तो सब...
7-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें बाप द्वारा बाप की लीला अर्थात् ड्रामा के आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान मिला है”
जैसे कमल पुष्प कीचड़ पानी में होते भी न्यारा रहता है। और जितना न्यारा उतना सबका प्यारा है। ऐसे आप बच्चे दु:ख के संसार से न्यारे और बाप के प्यारे हो गये, यह परमात्म प्यार छत्रछाया बन जाता है।इसलिए फ़खुर में रहो कि हम परमात्म छत्रछाया में रहने वाले...
07-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you have received knowledge of the Father’s divine activity and of the beginning the middle and the end of the drama from the Father.”
A lotus stays on top of muddy water and yet remains detached. It is just as much detached as it is lovely. In the same way, you children have become detached from the world of sorrow and are loved by the Father,Therefore, maintain your spiritual intoxication of constantly staying...
06-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “anger causes a lot of sorrow. It causes pain to yourself and to others too.”
When some children are influenced by their physical senses and say, “Today, my eyes, my mouth or my vision deceived me”, then to be deceived in this way means to experience sorrow. The children who are spinners of the discus of self-realisation can never be caught in a spin...
6-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप आये हैं ज्ञान से गति सद्गति करने”
जो बच्चे कर्मेन्द्रियों के वश होकर कहते हैं कि आज आंख ने, मुख ने वा दृष्टि ने धोखा दे दिया, तो धोखा खाना अर्थात् दु:ख की अनुभूति होना। लेकिन जो स्वदर्शन चक्रधारी बच्चे हैं वह कभी किसी धोखे के चक्कर में नहीं आ सकते। वह तो दु:ख के चक्करों...