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10-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “देही-अभिमानी बनने की प्रैक्टिस करो”

अच्छा बनने वालों की सभी शुभ इच्छायें स्वत: पूरी हो जाती हैं। दाता के बच्चों को कुछ भी मांगने की आवश्यकता नहीं है। बेहद की सेवा का संकल्प बिना हद की इच्छा के होगा तो अवश्य पूरा होगा इसलिए हद की इच्छा के बजाए अच्छा बनने की विधि अपना...

9-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “बहुत-बहुत स्वीट (मीठे) बनो”

कोई भी कार्य करते सदा स्मृति रहे कि “बड़ा बाबा बैठा है'' तो स्थिति सदा निश्चिंत रहेगी। इस निश्चिंत स्थिति में रहना भी सबसे बड़ी बादशाही है। आजकल सब फिक्र के बादशाह हैं और आप बेफिक्र बादशाह हो।लेकिन आप निश्चिंत रहते हो इसलिए समय पर श्रेष्ठ टचिंग होती है...

8-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “बाप आये हैं तुम्हारा ज्ञान-योग से सच्चा श्रृंगार करने”

कोई भी बड़ी बात को छोटा बनाना या छोटी बात को बड़ा बनाना अपने हाथ में हैं। स्व-स्थिति में रहने से बड़ी परिस्थिति भी छोटी लगेगी और उस पर विजय पाना सहज हो जायेगा। समय पर याद आये कि मैं कल्प-कल्प का विजयी हूँ तो इस निश्चय से विजयी...

7-8-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:18-1-1992: “स्नेह की निशानी – बाप समान बनना”

सच्चे सेवाधारी वह हैं जो समर्पण भाव से सेवा करते हैं। सेवा में जरा भी मेरे पन का भाव न हो। जहाँ मेरा पन है वहाँ सफलता नहीं। लेकिन कहाँ भी रहते सदा स्मृति रहे कि मैं निमित्त हूँ, यह मेरा घर नहीं लेकिन सेवा-स्थान है तो समर्पण भाव...

6-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “ज्ञान सागर बाप और ब्रह्म-पुत्रा नदी का यह संगम”

जो बच्चे अपनी कमजोर वृत्तियों को मिटाकर शुभ और श्रेष्ठ वृत्ति धारण करने का व्रत लेते हैं, उन्हें यह सृष्टि भी श्रेष्ठ नज़र आती है। वृत्ति श्रेष्ठ होना माना वाणी और कर्म स्वत: श्रेष्ठ होना। वृत्ति से ही वायब्रेशन, वायुमण्डल बनता है। श्रेष्ठ वृत्ति का व्रत धारण करने वाले...