27-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you know this unlimited play in the form of a drama”
Those who have the treasure of contentment have everything. Those who are content with just a little experience having all attainments, whereas for those who are not content, even though they have everything, it is as though they have nothing. Therefore, be ignorant of limited desires and you will...
27-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम इस बेहद लीला रूपी नाटक को जानते हो”
जिनके पास सन्तुष्टता का खजाना है उनके पास सब कुछ है, जो थोड़े में सन्तुष्ट रहते हैं उन्हें सर्व प्राप्तियों की अनुभूति होती है। और जिसके पास सन्तुष्टता नहीं तो सब कुछ होते भी कुछ नहीं है, इसलिए हद के इच्छा मात्रम् अविद्या .... तब कहेंगे सन्तुष्टमणि। - ओम्...
26-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “make effort to stay constantly in remembrance of the one Father”
Bring into your awareness the list of all the attainments you have received from the beginning of your Brahmin life until now. that is, become an embodiment of remembrance and you will then easily fly in happiness and reach your destination. No upheaval will bring you down because you...
25-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम नर्कवासी को स्वर्गवासी बनाने की सेवा करते हो”
अमृतवेले से रात तक आप ब्राह्मण बच्चों को जो श्रेष्ठ भाग्य मिला है, उस भाग्य की लिस्ट सदा सामने रखो और यही गीत गाते रहो - वाह मेरा श्रेष्ठ भाग्य, जो भाग्य-विधाता ही अपना हो गया। इसी नशे में सदा खुशी की डांस करते रहो। कुछ भी हो जाए,...
25-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You do the service of changing residents of hell into residents of heaven”
You Brahmin children should constantly keep in front of you a list of all the fortune you have received from amrit vela until night time and continue to sing the song: “Wah! The elevated fortune that the Bestower of Fortune is mine!” With this intoxication, constantly continue to dance...
24-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Become pure and go to the pure world.”
Someone who has yoga in karma and karma in yoga is one who has an elevated consciousness and an elevated stage and creates an elevated atmosphere; such a karma yogi claims a right to receive blessings from everyone. By having a balance of karma and yoga, you definitely receive...
24-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “पवित्र बनकर पवित्र दुनिया में जाना है”
कर्म में योग और योग में कर्म - ऐसा कर्मयोगी अर्थात् श्रेष्ठ स्मृति, श्रेष्ठ स्थिति और श्रेष्ठ वायुमण्डल बनाने वाला सर्व की दुआओं का अधिकारी बन जाता है। कर्म और योग के बैलेन्स से हर कर्म में बाप द्वारा ब्लैसिंग तो मिलती ही है लेकिन जिसके भी संबंध-सम्पर्क में...
23-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you now have to leave those old homes (bodies) and go back with the Father”
You souls are instruments to make many souls fly. Therefore, let your wings of zeal and enthusiasm be strong. Constantly maintain the awareness: We Brahmins are responsible for world benefit. Those who have zeal and enthusiasm are tireless. They constantly increase the zeal and enthusiasm in others with their...
23-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “अब यह पुराना घर छोड़ बाप के साथ चलना है”
आप आत्मायें अनेक आत्माओं को उड़ाने के निमित्त हो इसलिए उमंग-उत्साह के पंख मजबूत हों। सदा इसी स्मृति में रहो कि हम ब्राह्मण (बी.के.) कभी भी थकेंगे नहीं, जिसमें उमंग-उत्साह होता है वह अथक होते हैं। वह अपने चेहरे और चलन से सदा औरों का भी उमंग-उत्साह बढ़ाते हैं।-...
22-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Remember the Father and you will receive your inheritance”
संगमयुग रूहानी मौजों में रहने का युग है इसलिए सदा मौज में रहो, कभी भी मूंझना नहीं। कोई भी परिस्थिति या परीक्षा में थोड़े समय के लिए भी मूंझ हुई और उसी घड़ी अन्तिम घड़ी आ जाए तो अन्त मति सो गति क्या होगी! इसलिए सदा एवररेडी रहो। –...