12-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You definitely have to become satopradhan from tamopradhan”
When someone is not “mine”, there is then no anger, attachment or bondage of karma. So, in order to become free from any bondage of karma, make the one Father your world. “One Father and none other”. When the one Father has become your world, there is then no...
12-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तमोप्रधान से सतोप्रधान जरूर बनना है”
जब मेरा नहीं तो क्रोध, मोह का कर्मबन्धन भी नहीं। तो कर्मबन्धनों से मुक्त होने के लिए एक बाप को अपना संसार बना लो। “एक बाप दूसरा न कोई'' एक बाप ही संसार बन गया तो कोई आकर्षण नहीं, कोई कमजोर संस्कारों का भी बंधन नहीं। सब मेरा-मेरा एक...
11-9-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 8-4-1992: “ब्रह्मा बाप से प्यार की निशानी है – अव्यक्त फरिश्ता बनना”
यथार्थ वा सच्चा योगी वह है जो अपनी बुद्धि को एक सेकण्ड में जहाँ और जब लगाना चाहे वहाँ लगा सके। परिस्थिति हलचल की हो, वायुमण्डल तमोगुणी हो, माया अपना बनाने का प्रयत्न कर रही हो फिर भी सेकण्ड में एकाग्र हो जाना - यह है याद की शक्ति।...
11-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:8-4-1992: “The sign of love for Father Brahma is to become an avyakt angel.”
An accurate and a true yogi is one who is able to connect his intellect to wherever he wants, whenever he wants in a second. The situation may be of upheaval, the atmosphere may be tamoguni and Maya may try to make you belong to her. However, even then,...
10-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Perform the charitable act of remembering the Father”
The nourishment of Brahmin life is happiness. Those who constantly eat the nourishment of happiness and share it with others have the fortune of happiness. It constantly emerges from their hearts: No one else is as fortunate as I am. Even if ocean waves come to drown you, you...
10-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “बाप को याद करने का पुण्य करना है”
ब्राह्मण जीवन की खुराक खुशी है। जो सदा खुशी की खुराक खाने वाले और खुशी बांटने वाले हैं वही खुशनसीब हैं। उनके दिल से यही निकलता कि मेरे जैसा खुशनसीब और कोई नहीं। भले सागर की लहरें भी डुबोने आ जाएं तो भी फिक्र नहीं क्योंकि जो योगयुक्त हैं...
9-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “continue to study and learn for as long as you live”
Only those who have all powers can become destroyers of obstacles. So, always have this intoxication: I am a master almighty authority. Stay in the combined form by experiencing the Father’s hand and His Company. Every day at amrit vela, bring into your awareness the tilak of victory. Experience...
8-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “The more yoga you have with the One, the more power you will receive to conquer the enemy”
When ordinary souls adopt purity, they are called great souls. Purity is nobility, purity is worthy of worship. The purity of Brahmins is remembered. You perform ordinary actions in remembrance of the Father and so you become special. This is why when you perform such special actions, you become...
8-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम जितना एक के साथ योग लगायेंगे उतना दुश्मन पर जीत पाने का बल मिलेगा”
साधारण आत्मायें जब पवित्रता को धारण करती हैं तो महान आत्मा कहलाती हैं। पवित्रता ही श्रेष्ठता है, पवित्रता ही पूज्य है। ब्राह्मणों की पवित्रता का ही गायन है। साधारण कर्म भी बाप की याद में रहकर करते हो तो विशेष हो जाता है, इसलिए ऐसे विशेष कर्म करने वाली...
7-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “बाप की शिक्षाओं को धारण कर तुम्हें गुणवान फूल बनना है”
नष्टोमोहा वा ट्रस्टी की निशानी है - दु:ख और अशान्ति का नाम निशान न हो। कभी कमाने में धन नीचे ऊपर हो जाए वा सम्बन्ध निभाने में कोई बीमार हो जाए, तो भी दु:ख की लहर न आये। सदा बेफिक्र बादशाह। - ओम् शान्ति।...