9-4-2023 – ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 9-03-1994: “न्यारा-प्यारा वन्डरफुल स्नेहऔरसुखभराअवतरण – शिवजयन्ती”
जैसे स्थूल रोशनी (लाइट) पर परवाने स्वत: आते हैं, ऐसे आप चमकते हुए सितारों पर भटकी हुई आत्मायें फास्ट गति से आयेंगी। इसके लिए अभ्यास करो - हर एक के मस्तक पर सदा चमकते हुए सितारे को देखने का। शरीरों को देखते भी न देखो। सदा नज़र चमकते हुए...
25-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Sweet children make a great deal of effort to remember the Father.”
While coming into relationship and connection with one another, see each one’s specialities. Adopt the vision of only seeing specialities. Nowadays, the fashion and compulsion are of wearing glasses. So, wear glasses that only see specialities. with the glasses of seeing specialities, you will not see any rubbish but...
25-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – बाप को याद करने की खूब मेहनत करो”
एक दो के साथ सम्बन्ध वा सम्पर्क में आते हर एक की विशेषता को देखो। विशेषता देखने की ही दृष्टि धारण करो। जैसे आजकल का फैशन और मजबूरी चश्मे की है। तो विशेषता देखने वाला चश्मा पहनो। तो विशेषता के चश्में द्वारा कीचड़ को न देख कमल को देखने...
24-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – यही संगमयुग है जब आत्मा और परमात्मा का संगम (मेल) होता है”
इस विशेष युग में विशेषता के बीज का सबसे श्रेष्ठ फल है “सन्तुष्टता''। सन्तुष्ट रहना और सर्व को सन्तुष्ट करना - यही विशेष आत्मा की निशानी है, इसलिए विशेषताओं के बीज अथवा वरदान को सर्व शक्तियों के जल से सींचो तो बीज फलदायक हो जायेगा। तो विधिपूर्वक शक्तिशाली बीज...
23-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You have received the shrimat to become pure while living at home with your families. Fulfill your responsibilities to both sides.”
The more you use your specialities to serve with your mind, words and deeds, the more these specialities will continue to grow. To use them for service means to receive a lot of fruit from one seed. and you will experience their fruit, that is, you will experience the...
23-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – तुम्हें श्रीमत है घर गृहस्थ में रहते पवित्र बनो दोनों तरफ तोड़ निभाओ”
जितना-जितना अपनी विशेषताओं को मन्सा सेवा वा वाणी और कर्म की सेवा में लगायेंगे तो वही विशेषता विस्तार को पाती जायेगी। सेवा में लगाना अर्थात् एक बीज से अनेक फल प्रगट करना। इस श्रेष्ठ जीवन में जो जन्म सिद्ध अधिकार के रूप में विशेषतायें मिली हैं उनको, सेवा की...
22-1-2023 – ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised: 25-11-1993: “Become souls who are embodiments of knowledge and experiment with knowledge in order to achieve easy success.”
The Father is the all-round Actor, He can be the Friend as well as the Father. In the same way, those who have the flying stage will be able to play a perfect part whenever there is a need for service to be done. This is called being an...
22-1-2023 – ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 25-11-1993: “सहज सिद्धि प्राप्त करने के लिए ज्ञान स्वरूप प्रयोगीआत्मा बनो”
जैसे बाप आलराउन्ड पार्टधारी है, सखा भी बन सकते तो बाप भी बन सकते। ऐसे उड़ती कला वाले जिस समय जिस सेवा की आवश्यकता होगी उसमें सम्पन्न पार्ट बजा सकेंगे। इसको ही कहा जाता है आलराउन्ड उड़ता पंछी। हर प्रकार की सेवा में सफलतामूर्त बनेंगे। उन्हें ही कहा जाता...
21-1-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “In order to claim blessings from the Father follow shrimat at every step. Keep your activity good.”
The words of you children have to be words that those who are listening would be thirsty to hear you say something. This is known as speaking precious, elevated versions. You are master satgurus, children of the Satguru, and so, each word of yours is an elevated version. At...
21-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – बाप की दुआयें लेनी हैं तो हर कदम श्रीमत पर चलो चाल-चलन अच्छी रखो”
आप बच्चों के बोल ऐसे हों जो सुनने वाले चात्रक हों कि यह कुछ बोलें और हम सुनें - इसको कहा जाता है अनमोल महावाक्य। आप सतगुरू के बच्चे मास्टर सतगुरू हो इसलिए आपका एक-एक बोल महावाक्य हो। जिस समय जिस स्थान पर जो बोल आवश्यक है, युक्तियुक्त है,...