12-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “एक दो को दु : ख देना घोस्ट का काम है तुम्हें किसी को भी दु : ख नहीं देना है।”
बच्चा बनना अर्थात् अधिकार लेना। मेरा माना और अधिकार मिला। तो वाह मैं श्रेष्ठ अधिकारी आत्मा! इसी बेहद के अधिकार की खुशी में रहो। यह अविनाशी अधिकार निश्चित ही है और जहाँ निश्चित होता है वहाँ निश्चिन्त रहते हैं। - ओम् शान्ति।...
11-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप को तुम भूलो मत श्रीमत पर सदा चलते रहो”
बापदादा का वरदान है-जहाँ दृढ़ता है वहाँ सफलता है। तो दृढ़ता से कोई भी गुण वा शक्ति के प्रयोग का प्रोग्राम बनाओ और पहले स्वयं में सन्तुष्टता का अनुभव करो। त्रिकालदर्शी पन की स्थिति के आसन पर बैठ-कर जैसा समय वैसी विधि से पहले स्वयं सिद्धि स्वरूप बनो।- ओम्...
10-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें इस रुद्र ज्ञान यज्ञ का बड़ा कदर होना चाहिए क्योंकि इस यज्ञ से ही भारत स्वर्ग बनता है”
हर रोज़ की मुरली मन को बिजी रखने का साधन है, मुरली की कोई भी पाइंट पर मनन करते रहो तो मन बिजी रहेगा और व्यर्थ स्वत: खत्म हो जायेगा। मन को मन्सा-वाचा और कर्मणा सेवा में इतना बिजी कर दो जो व्यर्थ संकल्प आवे ही नहीं, तभी...
9-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप की गति सद्गति करने की मत वा राय सबसे न्यारी है”
वर्तमान समय सभी को अविनाशी खुशी की आवश्यकता है, सब खुशी के भिखारी हैं, आप दाता के बच्चे हो। दाता के बच्चों का काम है देना। जो भी संबंध-सम्पर्क में आये उसे खुशी देते जाओ। कोई खाली न जाये, इतना भरपूर रहो।- ओम् शान्ति।...
8-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हारी रूहानी यात्रा बहुत गुप्त है जो तुम्हें बुद्धियोग से करते रहना है”
कई बच्चों ने बाप को अपना कम्पैनियन तो बनाया है लेकिन कम्पैनियन को कम्बाइन्ड रूप में अनुभव करो, अलग हो ही नहीं सकते, किसकी ताकत नहीं जो मुझ कम्बाइन्ड रूप को अलग कर सके, ऐसा अनुभव बार-बार स्मृति में लाते-लाते स्मृति स्वरूप बन जायेंगे।- ओम् शान्ति।...
“बहुत सारे प्रमाण हैं कि ईश्वर सर्वव्यापी नहीं है।“
परमात्मा को सर्वत्र समझ बैठे हैं जबकि इस समय कलियुग में सर्वत्र माया ही व्यापक है तो फिर परमात्मा व्यापक कैसे ठहरा?...- ओम् शान्ति।...
7-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “विचार सागर मंथन कर सबको बाप का सत्य परिचय दो”
सम्पूर्ण पवित्रता की परिभाषा बहुत श्रेष्ठ और सहज है। सम्पूर्ण पवित्रता का अर्थ है स्वप्न-मात्र भी अपवित्रता मन और बुद्धि को टच नहीं करे - इसी को कहा जाता है सच्चे वैष्णव। यह सहज भी है क्योंकि असम्भव से सम्भव करने वाले सर्वशक्तिमान् बाप का साथ है।- ओम् शान्ति।...
6-11-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 30-11-1992: “सर्व खजानों से सम्पन्न बनो – दुआएं दो दुआएं लो”
साइन्स के साधन जो आप लोगों के काम आ रहे हैं, ड्रामा अनुसार उन्हें भी टच तभी हुआ है जब बाप को आवश्यकता है। लेकिन यह साधन यूज़ करते हुए उनके वश नहीं हो जाओ। कभी कोई साधन अपनी ओर खींच न ले। मास्टर क्रियेटर बनकर क्रियेशन से लाभ...
5-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “एक बार बेहद का संन्यास कर 21 जन्म की प्रालब्ध बनानी है”
जो बच्चे बड़ी दिल रखकर सेवा करते हैं तो सेवा का प्रत्यक्षफल भी बड़ा निकलता है। बड़ी दिल रखने से मिट्टी भी सोना हो जाती है, कमजोर साथी भी शक्तिशाली बन जाते हैं, असम्भव सफलता सम्भव हो जाती है। इसके लिए मैं-मैं की बलि चढ़ा दो तो बड़ी दिल...
4-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप का फरमान है स्वदर्शन चक्र फिराते अपना बुद्धियोग एक बाप से लगाओ”
जो जितना सेवा का उमंग-उत्साह रखते हैं उतना निर्विघ्न रहते हैं क्योंकि सेवा में बुद्धि बिजी रहती है। खाली रहने से किसी और को आने का चांस है और बिजी रहने से सहज निर्विघ्न बन जाते हैं। मन और बुद्धि को बिजी रखने के लिए उसका टाइम-टेबल बनाओ। सेवा...