15-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सभी पुरुष-स्त्री इन लक्ष्मी-नारायण को नमन करते हैं। परन्तु यह नहीं जानते - यह कौन हैं? कब आये, क्या किया? बाप ने समझाया है यह भारत अविनाशी खण्ड है क्योंकि अविनाशी बाप परमपिता परमात्मा की भी जन्म भूमि है। पतित-पावन, सर्व के सद्गति दाता का जन्म स्थान है तो...
14-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
पुरुषार्थ का मुख्य आधार कैचिंग पावर है। आप साइलेन्स की शक्ति से अपने आदि दैवी संस्कार कैच करो, इसके लिए सदैव यही स्मृति रहे कि मैं यही था और फिर बन रहा हूँ। जितना उन संस्कारों को कैच करेंगे उतना उसका स्वरूप बनेंगे। - ॐ शान्ति। ...
13-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
आज से 5 हजार वर्ष पहले भारत स्वर्ग था, लक्ष्मी-नारायण का राज्य था। अभी तो सारे विश्व पर रावण का राज्य है, यही सबका दुश्मन है, जिसको वर्ष-वर्ष जलाते हैं। फिर भी मरता नहीं है। अभी भारत का बड़ा दुश्मन यह रावण है - ॐ शान्ति। ...
12-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
तो यह पूछना चाहिए कि भारत का आदि सनातन देवी-देवता धर्म कब स्थापन हुआ? यह बहुत नाज़ुक बातें हैं। जब यह मालूम पड़े तब हिसाब लगा सकें कि नई दुनिया थी फिर दिन-रात जरूर होते हैं। आधा-आधा जरूर होगा। यह एक ईश्वरीय लॉ है - ॐ शान्ति। ...
11-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
हमको शान्ति चाहिए। अब हमको शान्ति यहाँ कहाँ से आ सकती है? कर्म तो करना है ना? शान्ति तो मिलेगी - शान्तिधाम में। अगर घर में एक अशान्त होगा तो भी सारे घर को अशान्त कर देगा। शान्ति मिलती है - स्वीट होम में। - ॐ शान्ति। ...
10-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
कल्प-कल्प भारत में बाबा आते हैं। यह सबको बताना है, निमन्त्रण देना है। रचना की नॉलेज को कोई भी जानते नहीं। तो ऐसा सर्विसएबुल बनकर अपना नाम बाला करना चाहिए। - ॐ शान्ति। ...
9-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाबा आया है - भक्ति का फल देने। ज्ञान सुना रहे हैं। अब हमको पतित से पावन भी जरूर बनना ही है क्योंकि पतित तो वापिस जा नहीं सकते। मुक्तिधाम में भी सब पावन आत्मायें रहती हैं। सुखधाम में भी सब पवित्र रहती हैं। - ॐ शान्ति। ...
8-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जितना जो सभी को रिगार्ड देता है उतना ही अपने रिकार्ड को ठीक रख सकता है। वैसे कहते हैं छोटों को प्यार और बड़ों को रिगार्ड दो लेकिन जो सभी को बड़ा समझकर रिगार्ड देते हैं वह सबके स्नेही बन जाते हैं। - ॐ शान्ति। ...
7-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
चित के अन्दर यह प्रश्न उत्पन्न होने वाले को प्रश्नचित कहा जाता है और प्रश्नचित कभी सदा प्रसन्न नहीं रह सकता। उसके चित में सदा ‘क्यों'की क्यू लगी रहती है इसलिए उस क्यू को समाप्त करने में ही समय चला जाता है। - ॐ शान्ति ...
6-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जब बुद्धि सर्व आकर्षणों से मुक्त हो एक परमात्मा पर टिक जाती है, हलचल समाप्त हो जाती है तब एकरस अवस्था बनने से अतीन्द्रिय सुख की अनुभूति होती है। - ॐ शांति। ...