Tag: स्पिरिचुअल ज्ञान

20-3-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:01/02/90.

प्रकृति चाहे हलचल करे या अपना सुन्दर खेल दिखाये - दोनों में प्रकृतिपति आत्मायें साक्षी होकर खेल देखती हैं। खेल देखने में मजा आता है, घबराते नहीं।– “ॐ शान्ति”।...

19-3-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

संगमयुग पर आप बच्चों को वर्सा भी प्राप्त है, पढ़ाई के आधार पर सोर्स आफ इनकम भी है और वरदान भी मिले हुए हैं। तीनों ही संबंध से इस अधिकार को स्मृति में इमर्ज रखकर हर कदम उठाओ। - ॐ शान्ति। ...

18-3-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जितना-जितना मास्टर सर्वशक्तिमान् की सीट पर सेट होंगे उतना ये सर्व शक्तियां आर्डर में रहेंगी। जब यह सर्व शक्तियाँ अभी से आर्डर पर होंगी तब अन्त में सफलता प्राप्त कर सकेंगे क्योंकि जहाँ सर्व शक्तियाँ हैं, वहाँ सफलता जन्म सिद्ध अधिकार है।- ॐ शान्ति। ...

17-3-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

ब्राह्मण अर्थात् सदा मौज की स्थिति में रहने वाले। दिल में सदा स्वत: यही गीत बजता रहे - वाह बाबा और वाह मेरा भाग्य! इतनी अन्दर से अचल स्थिति हो, क्या, क्यों में मन मूंझे नहीं तब कहेंगे अचल-अडोल आत्मायें। - ॐ शान्ति। ...

16-3-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जैसे गुलाब का पुष्प कांटों के बीच में रहते भी न्यारा और खुशबूदार रहता है, कांटों के कारण बिगड़ नहीं जाता। ऐसे रूहे गुलाब जो सर्व हदों से वा देह से न्यारे हैं, किसी भी प्रभाव में नहीं आते वे रूहानियत की खुशबू से सम्पन्न रहते हैं। - ओम्...

15-3-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

रोज़ अमृतवेले अपने मस्तक पर विजय का तिलक अर्थात् स्मृति का तिलक लगाओ। आप सबको भी बाप के साथ का सुहाग है इसलिए अविनाशी तिलक है। अभी स्वराज्य के तिलकधारी बनो तो भविष्य में विश्व के राज्य का तिलक मिल जायेगा।- ओम् शान्ति।...

14-3-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

बापदादा द्वारा जन्म से ही हर बच्चे को दिव्य बुद्धि का वरदान प्राप्त होता है, जो इस दिव्य बुद्धि के वरदान को जितना कार्य में लगाते हैं उतना सफलतामूर्त बनते हैं क्योंकि हर कार्य में दिव्यता ही सफलता का आधार है। - ॐ शान्ति।...

13-3-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो सर्व शक्तियों से सम्पन्न है वही विघ्न-विनाशक बन सकता है। विघ्न-विनाशक के आगे कोई भी विघ्न आ नहीं सकता। इसलिए चेक करो कि सर्व शक्तियों का स्टॉक भरपूर है? इसी स्मृति वा नशे में रहो कि सर्व शक्तियां मेरा वर्सा हैं, मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ तो कोई विघ्न...

12-3-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

ब्राह्मण जन्म है ही सदा सेवा के लिए। जितना सेवा में बिजी रहेंगे उतना सहज ही मायाजीत बनेंगे। सेवा में बिजी रहना ही सहज पुरूषार्थ है। बिजी रहेंगे तो युद्ध से छूट निरन्तर योगी निरन्तर सेवाधारी बन जायेंगे।- ॐ शान्ति। ...

11-3-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

यथार्थ जीते जी मरना अर्थात् सदा के लिए पुराने संसार वा पुराने संस्कारों से संकल्प और स्वप्न में भी मरना। मरना माना परिवर्तन होना। उन्हें कोई भी आकर्षण अपनी ओर आकर्षित कर नहीं सकती।रावण का एक सिर खत्म करते तो दूसरा आ जाता, लेकिन फाउन्डेशन को ही खत्म कर...