Tag: मुरली

18-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाप समझाते हैं अब टाइम बहुत थोड़ा है। शरीर पर भरोसा नहीं है। बाप को याद करते रहो, स्वदर्शन चक्रधारी बनो। सारा दिन यही बातें ख्याल में रहे। - ॐ शान्ति -...

17-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

कहावत है दृष्टि से सृष्टि बदलती है। तो आपकी दृष्टि ऐसी सतोगुणी हो जो कैसी भी तमोगुणी वा रजोगुणी आत्मा की दृष्टि, वृत्ति और उनकी स्थिति बदल जाये। -ॐ शान्ति -...

16-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

तुम बच्चे जानते हो इस ड्रामा अथवा सृष्टि रूपी कल्प वृक्ष की आयु 5 हजार वर्ष है। जैसे आम का बीज है, वह चैतन्य होता तो समझाता कि हम बीज हैं, हमसे यह झाड़ ऐसे निकला। परन्तु वह है जड़। चैतन्य झाड़ एक ही है। -ॐ शान्ति-...

15-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाप कहते हैं - मुझे याद करने से तुम्हारे विकर्म विनाश होंगे और तुम सदा सुखी बनेंगे। अभी तुम बच्चे जानते हो बाप की श्रीमत पर चलना है। जैसे मैं शान्ति का सागर हूँ, प्यार का सागर हूँ, तुमको भी ऐसा बनाता हूँ। यह महिमा एक बाप की है।...

14-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

यह जो रामायण है, आज (दशहरे पर) जैसे इनका रामायण पूरा होने वाला है परन्तु पूरा होता नहीं। अगर रावण मरता है तो रामायण की कथा पूरी होनी चाहिए, परन्तु होती नहीं है। छुटकारा होता है महाभारत से। - ॐ शान्ति -...

12-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

तुम बच्चों का बाप श्रृंगार कर रहे हैं। पढ़ाते भी हैं - बेहद का बाप, ज्ञान का सागर है। हमको सारी सृष्टि के आदि मध्य अन्त का राज़ समझाते हैं। जो बाप को ही नहीं जानते, वह हैं नास्तिक। -ॐ शान्ति - ...

11-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाप कहते हैं - 5 विकारों का दान दो तो ग्रहण छूट जाए। अब तुमको श्रेष्ठाचारी बन स्वर्ग का सूर्यवंशी राज्य लेना है, तो भ्रष्टाचार को छोड़ना पड़ेगा। 5 विकारों का दान दो। - ॐ शान्ति -...

9-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

तुम्हारा प्लैन देखो कैसा है। इस समय सभी का अपना-अपना प्लैन है। बाप का भी प्लैन है। बाप समझाते हैं अब वह सब हैं आसुरी प्लैन। हमारा है ईश्वरीय प्लैन। अब किसका प्लैन विजय को पायेगा? -ॐ शान्ति -...

8-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

सर्व का सद्गति दाता राम एक निराकार ही है। वही पतित-पावन, ज्ञान का सागर, शान्ति का सागर है। सारे जगत का गुरू तो एक परमपिता परमात्मा ही हो सकता है। वह निराकार शिवबाबा को याद करो।-ॐ शान्ति -...