28-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
भल कोई क्रोध भी करे परन्तु तुम नहीं बोलो। संन्यासी भी कहते हैं - मुख में ताबीज़ डाल दो, तो वह बोल-बोल कर चुप हो जायेगा। बाप भी कहते हैं - कोई क्रोध से बोले तो तुम शान्त होकर देखते रहो। कोई भी हालत में तुम्हें शिवबाबा को याद...
27-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
त्रिमूर्ति शिव अर्थात् ब्रह्मा, विष्णु, शंकर का रचयिता शिव। इन तीनों देवताओं का रचयिता है ही शिव, इसलिए त्रिमूर्ति शिव कहा जाता है। एक रचयिता, बाकी सब हैं रचना। बेहद का बाप एक ही है। -ॐ शान्ति। ...
26-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
भारत जो 16 कला सम्पूर्ण था, सम्पूर्ण देवताओं का राज्य था। इन लक्ष्मी-नारायण की राजधानी थी। भारत स्वर्ग था। अब 5 विकारों का ग्रहण लगा हुआ है, इसलिए बाप कहते हैं दे दान तो छूटे ग्रहण। - ॐ शान्ति। ...
25-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
तुम जानते हो यह तो बेहद का बाप है। तुम बेहद के बाप से बेहद का वर्सा ले रहे हो तो उनकी श्रीमत पर चलना है। बाप कहते हैं - और सभी बातें छोड़ मुझे याद करो और वर्से को याद करो। चलते-फिरते यह याद रहने से खुशी भी...
24-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
आपके साधारण कर्म नहीं विशेष कर्म, विशेष संकल्प और विशेष बोल हों। तो विशेष सेवा यही करो कि अपने श्रेष्ठ कर्म द्वारा, अपने श्रेष्ठ परिवर्तन द्वारा अनेक आत्माओं को परिवर्तन करो। अपने को आइना बनाओ और आपके आइने में बाप दिखाई दे। -ॐ शान्ति -...
23-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
रात-दिन यही चिंतन करो। हम पतितों को पावन बनने का रास्ता कैसे बतायें! रास्ता बहुत सहज है। योगबल से ही हम सतोप्रधान बनेंगे। यह है अविनाशी सर्जन की दवाई। यह कोई मन्त्र आदि नहीं है। यह तो बाप को सिर्फ याद करना है। -ॐ शान्ति -...
22-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप कहते हैं - बच्चे झोली में 5 विकार दान में दे दो तो तुम्हारा ग्रहण छूट जाए। तुम भी अब सम्पूर्ण बनते हो तो बाप कहते हैं यह विकार दान में दे दो। तुमको स्वर्ग की बादशाही मिलती है। - ॐ शान्ति -...
21-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सच्चे-सच्चे महावीर तुम हो। बस सारा दिन यही तात रहे - कोई हो जिसे यह रास्ता बतायें। बाप कहते हैं - मुझ अल्फ को याद करो तो बे बादशाही मिल जायेगी। कितना सहज है। ऐसे-ऐसे जाकर सर्विस करनी चाहिए। अपना और दूसरों का कल्याण करना चाहिए। - ॐ शान्ति...
20-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
यह शिवबाबा का भण्डारा है, इससे तुमको पवित्र भोजन मिलता है। ब्राह्मण-ब्राह्मणियाँ ही बनाते हैं, इसलिए इनकी महिमा अपरमअपार है। इससे तुम पवित्र बन पवित्र दुनिया का मालिक बनते हो, इसलिए पवित्र भोजन अच्छा है। -ॐ शान्ति -...
19-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
अब बाप चैतन्य में आकर कहते हैं बच्चे मेरा बनो। मैं आया हूँ ले चलने। बिगर पवित्र बने तो चल नहीं सकते। पवित्र बनाने मुझे ही आना पड़ता है। सर्व का सद्गति दाता बाप तुम्हारे पास बैठा है। तुमको राजयोग सिखा रहे हैं, जो गीता के भगवान ने सिखाया...