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29-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

विश्व कल्याणकारी बनने के लिए मुख्य दो धारणायें आवश्यक हैं एक ईश्वरीय रूहाब और दूसरा रहम। अगर रूहाब और रहम दोनों साथ-साथ और समान हैं तो रूहानियत की स्टेज बन जाती है। शक्तियों के चित्रों में इन दोनों गुणों की समानता दिखाते हैं, इसी के आधार पर विश्व नव-निर्माण...

28-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जैसे साइन्स ने ऐसी इन्वेन्शन की है जो लिखा हुआ सब मिट जाए, मालूम न पड़े। ऐसे आप साइलेन्स की शक्ति से अपने रजिस्टर को रोज़ साफ करो तो प्रभू प्रिय वा दैवी लोक प्रिय बन जायेंगे। तो रजिस्टर साफ रहेगा और साहेब राज़ी हो जायेगा। - ॐ शान्ति।...

27-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

“जैसे कोई सिम्पल चीज़ अगर स्वच्छ होती है तो अपने तरफ आकर्षित जरूर करती है। सिम्पल अर्थात् साधारण। साधारणता से ही महानता प्रसिद्ध होती है। जो साधारण अर्थात् सिम्पल नहीं वह प्राब्लम रूप बन जाते हैं।“-“ओम् शान्ति”...

26-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

स्वयं को सेवाधारी समझ अपनी रुची, उमंग से सेवा में बिजी रहो तो माया को चांस नहीं मिलेगा। लेकिन स्थूल और सूक्ष्म दोनों ही रीति से खुशी-खुशी से सेवा में बिजी रहो तो खुशी के कारण माया सामना करने का साहस नहीं रख सकती, इसलिए स्वयं ही टीचर बन...

24-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

आपका एक-एक कर्म जितना श्रेष्ठ होगा उतना ही श्रेष्ठ आत्माओं में सिमरण किये जायेंगे। तो आप श्रेष्ठ कर्मो के आधार पर सिमरण योग्य बनते जायेंगे, इसके लिए योगयुक्त बनो। योगयुक्त बनने से हर संकल्प, शब्द वा कर्म युक्तियुक्त अवश्य होगा, उनसे अयुक्त कर्म वा संकल्प हो ही नहीं सकता...

23-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जो प्राप्तियों से सम्पन्न होते हैं उनके हर चलन, नैन चैन से उमंग-उत्साह दिखाई देता है। प्रतिज्ञा रूपी स्वीच को सेट कर प्रैक्टिकल में प्रतिज्ञा प्रमाण चलते रहो। हिम्मत के साथ हुल्लास हो तो प्राप्ति की झलक दूर से ही दिखाई देगी। – “ॐ शान्ति”।...

22-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाबा कहते हैं - मामेकम् याद करो तो विकर्म विनाश होंगे। मैं गैरन्टी करता हूँ - पतित-पावन बाप कहते हैं मैंने 5 हजार वर्ष पहले भी ऐसे कहा था कि हे बच्चे देह सहित देह के सब सम्बन्धों से बुद्धियोग तोड़ मुझे याद करो। यह गीता के महावाक्य हैं।...

21-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जो बच्चे संगमयुग पर अतीन्द्रिय सुख का अनुभव कर लेते हैं उन्हें सदा शान्ति और खुशी की डबल प्राप्ति का नशा रहता है। इस समय की प्राप्ति अतीन्द्रिय सुख और नॉलेज भी फिर कभी नहीं मिल सकती। तो इस डबल प्राप्ति के अधिकारी बनो।– “ॐ शान्ति”।...

20-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जो बच्चे आत्म-अभिमानी बनते हैं वह सहज ही निर्विकारी बन जाते हैं। आत्म-अभिमानी स्थिति द्वारा मन्सा में भी निर्विकारीपन की स्टेज का अनुभव होता है।इसके लिए साकार में रहते हुए अपनी निराकारी आत्म-अभिमानी स्थिति में स्थित रहो। – “ॐ शान्ति”।...

19-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जैसे साकार बाप ने पूरा ही अपने को विल किया वैसे आप लोगों की जो स्मृति है, समय और संकल्पों का खजाना है उसे विल करो अर्थात् श्रीमत प्रमाण सेवाओं में लगाओ तो मोहजीत, बन्धनमुक्त बन जायेंगे।– “ॐ शान्ति”।...