Tag: मुरली

21-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सर्व शक्तियों का स्टॉक जमा कर, शक्तिशाली आत्मा बनो और योग के प्रयोग द्वारा हर कम्पलेन को समाप्त कर कम्पलीट बन जाओ। यही स्लोगन याद रहे -“अब नहीं तो कब नहीं''। - ओम् शान्ति।...

20-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सेवाओं में जब भी कोई हलचल हुई है तो उसमें विजय योग के प्रयोग से ही मिली है, इसलिए पुरूषार्थ से धरनी बनाओ लेकिन बीज को प्रत्यक्ष करने के लिए योग का प्रयोग करो तब विजयी भव का वरदान प्राप्त होगा।- ओम् शान्ति।...

18-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो बच्चे परमात्म प्यारे हैं वह सदा दिलतख्त पर रहते हैं। कोई की हिम्मत नहीं जो दिलाराम के दिल से उन्हें अलग कर सके, इसलिए आप दुनिया के आगे फखुर से कहते हो कि हम परमात्म प्यारे बन गये। इसी फखुर में रहने के कारण सब फिकरातों से फारिग...

16-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो बच्चे मास्टर सर्वशक्तिमान् की अथॉरिटी से शक्तियों को आर्डर प्रमाण चलाते हैं, तो हर शक्ति रचना के रूप में मास्टर रचयिता के सामने आती है। ऑर्डर किया और हाजिर हो जाती है। ऐसे आर्डर प्रमाण शक्तियों को कार्य में लगाने वालों को ही मास्टर रचयिता कहेंगे। - ओम्...

15-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

बैलेन्स की प्राप्ति ही है ब्लैसिंग। बैलेन्स वाले को ब्लैसिंग नहीं मिले - यह हो नहीं सकता। मात-पिता और परिवार की दुआओं से सदा आगे बढ़ते चलो। यह दुआयें ही पालना हैं। सिर्फ दुआयें लेते चलो और सबको दुआयें देते चलो तो सहज सफलतामूर्त बन जायेंगे।- ओम् शान्ति।...

14-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

“मालिक सो बालक हैं'' - जब चाहो मालिकपन की स्थिति में स्थित हो जाओ और जब चाहो बालकपन की स्थिति में स्थित हो जाओ, यह डबल नशा सदा निर्विघ्न बनाने वाला है। ऐसी आत्माओं का टाइटल है विघ्न-विनाशक। - ओम् शान्ति।...

13-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सुनने वाले बहुत हैं सिर्फ आप अपनी स्थिति रूहानी आकर्षणमय बनाओ। जब चुम्बक अपनी तरफ खींच सकता है तो क्या आपकी रूहानी शक्ति आत्माओं को नहीं खींच सकती! तो रूहानी आकर्षण करने वाले चुम्बक बनो जिससे आत्मायें स्वत: आकर्षित होकर आपके सामने आ जायें, यही आप रूहानी सेवाधारी बच्चों...

12-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सदा सेफ रहने का स्थान-दिलाराम बाप का दिलतख्त है। सदा इसी स्मृति में रहो कि हमारा ही यह श्रेष्ठ भाग्य है जो भगवान के दिलतख्त-नशीन बन गये। जो परमात्म दिल में समाया हुआ अथवा दिलतख्तनशीन है वह सदा सेफ है। - ॐ शान्ति। ...

11-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सेना में जो सैनिक होते हैं वह कभी भी अलबेले नहीं रहते, सदा अटेन्शन में अलर्ट रहते हैं। आप भी पाण्डव सेना हो इसमें जरा भी अबेलापन न हो। अटेन्शन एक नेचुरल विधि बन जाए। नेचुरल अटेन्शन अपनी नेचर बनाओ। अटेन्शन रखने से स्वत: स्मृति स्वरूप बन जायेंगे, विस्मृति...