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4-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप का फरमान है स्वदर्शन चक्र फिराते अपना बुद्धियोग एक बाप से लगाओ”

जो जितना सेवा का उमंग-उत्साह रखते हैं उतना निर्विघ्न रहते हैं क्योंकि सेवा में बुद्धि बिजी रहती है। खाली रहने से किसी और को आने का चांस है और बिजी रहने से सहज निर्विघ्न बन जाते हैं। मन और बुद्धि को बिजी रखने के लिए उसका टाइम-टेबल बनाओ। सेवा...

3-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “यह अनादि खेल बना हुआ है”

सदा याद रखो कि बाप द्वारा जो भी अखुट खजाने मिले हैं, वह देने ही हैं। खजानों को कार्य में लगाओ। चाहे मन्सा, चाहे वाचा, चाहे सम्बन्ध-सम्पर्क में सफल करते चलो, दाता के बच्चे एक दिन भी देने के बिना रह नहीं सकते। विश्व सेवाधारी को हर दिन सेवा...

2-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “अब श्रीमत पर मन और बुद्धि को भटकाना बंद करो”

सभी पाइंटस का सार है - प्वाइंट बनना। प्वाइंट रूप में स्थित रहो तो क्वेश्चन मार्क की क्यू समाप्त हो जायेगी। जब किसी भी बात में क्वेश्चन आये तो बिन्दी (फुलस्टाप) लगा दो। फुलस्टाप लगाने का सहज स्लोगन है - जो हुआ, जो हो रहा है, जो होगा वह...

1-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “एक विदेही बाप को याद करना है और दूसरों को भी बाप की ही याद दिलानी है”

संगमयुग को विशेष वरदान है - असम्भव को सम्भव करना इसलिए कभी यह नहीं सोचो कि यह कैसे होगा। ‘कैसे' के बजाए सोचो कि ‘ऐसे' होगा। निश्चय रखकर चलो कि यह हुआ ही पड़ा है सिर्फ प्रैक्टिकल में लाना है, रिपीट करना है। दृढ़ संकल्प को यूज़ करो।दृढ़ संकल्प...

31-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “जितना हो सके योग में रहने का पुरूषार्थ करो”

जो बच्चे सच्चे मन से प्रतिज्ञा करते हैं तो मन मन्मनाभव हो जाता है और यह मन्मनाभव का मंत्र किसी भी परिस्थिति को पार करने में यंत्र बन जाता है। लेकिन मन में आये कि मुझे यह करना ही है। यही संकल्प हो कि जो बाप ने कहा वह...

30-10-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 21-11-1992: “कर्मों की गुह्य गति के ज्ञाता बनो”

मास्टर ज्ञान सूर्य वह हैं जो विश्व से अंधकार को मिटाकर रोशनी देने वाले हैं। वह स्वयं भी प्रकाश स्वरूप, लाइट-माइट रूप हैं और दूसरों को भी लाइट-माइट देने वाले हैं। जहाँ सदा रोशनी होती है वहाँ अंधकार का सवाल ही नहीं, अंधकार हो ही नहीं सकता। जो विश्व...

29-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “हीरे जैसा जीवन बनाने वाले बाप को बहुत खुशी-खुशी से याद करो”

ब्राह्मण जीवन में जैसे काम महाशत्रु को जीतने के लिए विशेष अटेन्शन रखते हो, ऐसे उसके सभी साथियों को भी विदाई दो। कई बच्चे क्रोध महाभूत को तो भगाते हैं लेकिन क्रोध के बाल-बच्चों से थोड़ी प्रीत रखते हैं। लेकिन सम्पूर्ण पवित्र तब कहेंगे जब कोई भी विकार का...

28-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “भोलानाथ बाप एक है जो तुम्हारी झोली ज्ञान रत्नों से भरते हैं”

कोई भी उत्सव, उमंग उत्साह के लिए मनाते हैं। आप ब्राह्मण बच्चों की जीवन ही उत्साह भरी जीवन है। जैसे इस शरीर में श्वांस है तो जीवन है ऐसे ब्राह्मण जीवन का श्वांस ही उमंग-उत्साह है। इसलिए संगमयुग की हर घड़ी उत्सव है।तो चेक करो कि ब्राह्मण जीवन के...

27-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “संन्यासी माना पूरे पवित्र और पक्के योगी”

इस अलौकिक ब्राह्मण जीवन का विशेष स्लोगन है “कम खर्च बालानशीन''। खर्चा कम हो लेकिन प्राप्ति शानदार हो अर्थात् रिजल्ट अच्छे से अच्छी हो। अलौकिकता सम्पन्न जीवन तब कहेंगे जब बोल में, कर्म में खर्च कम हो। कम समय में काम ज्यादा हो, कम बोल में स्पष्टीकरण ज्यादा हो,...

26-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “हमारा ईश्वरीय कुल सबसे ऊंचा है”

ब्राह्मण जीवन में यदि सुख का अनुभव करना है तो क्रोधजीत बनना अति आवश्यक है। भल कोई गाली भी दे, इनसल्ट करे लेकिन आपको क्रोध न आये। रोब दिखाना भी क्रोध का ही अंश है। आजकल के समय प्रमाण क्रोध से काम बिगड़ता है और आत्मिक प्यार से, शान्ति...