Tag: बाबा ज्ञान मुरली

20-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जो बच्चे आत्म-अभिमानी बनते हैं वह सहज ही निर्विकारी बन जाते हैं। आत्म-अभिमानी स्थिति द्वारा मन्सा में भी निर्विकारीपन की स्टेज का अनुभव होता है।इसके लिए साकार में रहते हुए अपनी निराकारी आत्म-अभिमानी स्थिति में स्थित रहो। – “ॐ शान्ति”।...

19-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जैसे साकार बाप ने पूरा ही अपने को विल किया वैसे आप लोगों की जो स्मृति है, समय और संकल्पों का खजाना है उसे विल करो अर्थात् श्रीमत प्रमाण सेवाओं में लगाओ तो मोहजीत, बन्धनमुक्त बन जायेंगे।– “ॐ शान्ति”।...

18-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

सदा एकरस स्थिति के आसन पर स्थित हो अपने तपस्वी रूप को प्रत्यक्ष करो। आपकी हर कर्मेन्द्रिय से देह-अभिमान का त्याग और आत्म-अभिमानी बनने की तपस्या प्रत्यक्ष रूप में दिखाई दे। - ॐ शान्ति। ...

17-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

सेवाधारी के साथ-साथ त्यागी, तपस्वीमूर्त बनो तब सेवा का प्रत्यक्षफल दिखाई देगा।जो भी संकल्प उठे उसमें हर आत्मा का कल्याण समाया हुआ हो तब कहेंगे सर्व के कल्याणकारी। -ॐ शान्ति। ...

16-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जैसे साकार बाप ने अपना हर कर्म यादगार बनाया ऐसे आप सभी का हर कर्म यादगार तब बनेगा जब स्वयं को आधारमूर्त और उद्धारमूर्त समझकर चलेंगे। ऐसे श्रेष्ठ कर्म ही यादगार बनते हैं। - ॐ शान्ति। ...

15-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाप समान वा सम्पूर्ण बनने के लिए सृष्टि की कयामत के पहले अपनी कमजोरियों और कमियों की कयामत करो। कोई भी उलझन का नाम निशान न रहे ऐसा अपने को उज्जवल बनाओ। अस्थियों को भी सम्पूर्ण स्थिति के सागर में समा दो तब कहेंगे समान और सम्पूर्ण। - ॐ...

13-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जैसे बाप के स्नेही बने हो ऐसे बाप को साथी बनाओ तो माया दूर से ही मूर्छित हो जायेगी। तो साथी को सदा साथ रखो, साथ की शक्ति से वा मिलन में मगन रहने से मायाजीत, जगतजीत बन जायेंगे। - ॐ शान्ति। ...

12-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

यादगार में योगी के मस्तक पर तीसरा नेत्र दिखाते हैं। आप सच्चे योगी बच्चे भी अपने मस्तक द्वारा तीसरे नेत्र का साक्षात्कार कराने के लिए सदा बुद्धि द्वारा एक बाप के संग में रहो। एक बाप दूसरे हम, तीसरा न कोई, जब ऐसी स्थिति होगी तब तीसरे नेत्र का...

11-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जो बच्चे सदा अन्तर की स्थिति में अथवा अन्तर स्वरूप में स्थित रह अन्तर्मुखी रहते हैं, वे कभी किसी बात में लिप्त नहीं हो सकते।अन्तर स्वरूप की स्थिति में रहने से स्वयं का शक्ति। ॐ शान्ति। ...