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21-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “महाशिवरात्रि-प्रतिज्ञा करना व्रत लेना और बलि चढ़ना”

जैसे किसी की कोई भी नेचर होती है तो वह स्वत: ही अपना काम करती है। सोचना वा करना नहीं पड़ता। ऐसे विशेषता के संस्कार भी नेचर बन जाएं और हर एक के मुख से, मन से यही निकले कि इस विशेष आत्मा की नेचर ही विशेषता की है।...

19-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम ज्ञान को बुद्धि में रख सदा हर्षित रहो।”

जो बच्चे सदा एक बाप के स्नेह में समाये हुए हैं -बाप उनसे जुदा नहीं और वे बाप से जुदा नहीं। स्नेह में समाई हुई आत्मायें सदा सर्व प्राप्ति सम्पन्न होने के कारण सहज ही “एक बाप दूसरा न कोई'' इस अनुभूति में रहती हैं। समाई हुई आत्माओं के...

18-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम हो रूहानी सर्जन और प्रोफेसर।”

जैसे बाप को इतना बड़ा परिवार है फिर भी बेफिक्र बादशाह है, सब कुछ जानते हुए, देखते हुए बेफिक्र। ऐसे फालो फादर करो। वायुमण्डल पर अपना प्रभाव डालो, वायुमण्डल का प्रभाव आपके ऊपर नहीं पड़े क्योंकि वायुमण्डल रचना है और आप मास्टर रचयिता हो। - ओम् शान्ति।...

“उसे फिर शिव नाम से क्यों बुलाते हैं?”

उनकी यादगार प्रतिमा शिवलिंग रूप में पूजी जाती है। सो भी खास करके भारत में पूजा ज्यादा होती है क्योंकि परमात्मा का जन्म भारत खण्ड में हुआ, तो जरूर इस देश का ही नाम पड़ेगा।- ओम् शान्ति।...

17-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “स्वदर्शन चक्रधारी बने हो”

निश्चय की निशानी है-मन्सा-वाचा-कर्मणा, सम्बन्ध-सम्पर्क हर बात में सहज विजयी। जहाँ निश्चय अटूट है वहाँ विजय की भावी टल नहीं सकती। ऐसे निश्चयबुद्धि ही सदा हर्षित और निश्चिंत रहेंगे। निश्चयबुद्धि निश्चिंत आत्मा का स्लोगन है “जो हुआ अच्छा हुआ, अच्छा है और अच्छा ही होना है।''- ओम् शान्ति।...

16-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “पवित्र बनो तो विश्व का मालिक बन जायेंगे”

संगमयुग खुशियों का युग, मौजों का युग है तो सदा खुशी में रहो और खुशियां बांटते रहो। भाग्य और भाग्य विधाता सदा याद रहे। बाप मिला सब कुछ मिला-यह स्मृति ही सहजयोगी बना देगी। बाप मिला सब कुछ मिला-यह स्मृति ही सहजयोगी बना देगी। - ओम् शान्ति।...

15-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “तुम्हें पावन बन पावन दुनिया का वर्सा लेना है”

जहाँ मेरापन होता है वहाँ हलचल होती है। श्रेष्ठ मंजिल को प्राप्त करने के लिए मेरे को तेरे में परिवर्तन करो। हद का मेरा नहीं, बेहद का मेरा। वह है मेरा बाबा। बाबा की स्मृति और ड्रामा के ज्ञान से नथिंगन्यु की अचल स्थिति रहेगी और नष्टोमोहा बन जायेंगे।-...

13-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “बाप से प्रतिज्ञा करो कि हम पवित्र बन मददगार जरूर बनेंगे”

आप दाता के बच्चे मास्टर दाता हो, किसी से कुछ लेकर फिर देना-वह देना नहीं है। लिया और दिया तो यह बिजनेस हो गया। दाता के बच्चे फ्राक दिल बन देते जाओ। अखुट खजाना है, जिसको जो चाहिए वह देते भरपूर करते जाओ। - ओम् शान्ति।...

12-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “बाप का फरमान है देही-अभिमानी बनो”

नॉलेजफुल अर्थात् ज्ञानी तू आत्मा बच्चे हर एक के प्रति मास्टर स्नेह के सागर होते हैं। उनके पास स्नेह के बिना और कुछ है ही नहीं। जैसे बाप सभी बच्चों के प्रति रहम और कल्याण की भावना रखते हैं, ऐसे बाप समान क्षमा के सागर और रहमदिल बच्चों में...

11-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “पवित्रता की राखी बांधो तब राजाई का तिलक मिलेगा”

जैसे बाप विश्व कल्याणकारी है, ऐसे बच्चे भी विश्व कल्याण के निमित्त हैं। आप निमित्त आत्माओं की वृत्ति से वायुमण्डल परिवर्तन होना है। कैसी भी परिस्थिति हो, व्यक्ति हो लेकिन स्व की भावना, स्व की वृत्ति कल्याण की हो, ग्लानि करने वाले के प्रति भी शुभ भावना हो तब...