16-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जैसे साकार बाप ने अपना हर कर्म यादगार बनाया ऐसे आप सभी का हर कर्म यादगार तब बनेगा जब स्वयं को आधारमूर्त और उद्धारमूर्त समझकर चलेंगे। ऐसे श्रेष्ठ कर्म ही यादगार बनते हैं। - ॐ शान्ति। ...
15-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप समान वा सम्पूर्ण बनने के लिए सृष्टि की कयामत के पहले अपनी कमजोरियों और कमियों की कयामत करो। कोई भी उलझन का नाम निशान न रहे ऐसा अपने को उज्जवल बनाओ। अस्थियों को भी सम्पूर्ण स्थिति के सागर में समा दो तब कहेंगे समान और सम्पूर्ण। - ॐ...
14-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
हड्डी (जिगरी) सुख का अनुभव करने के लिए बाप जो पढ़ाते हैं, उसे बुद्धि में धारण करना है। विचार सागर मंथन करना है। -ॐ शान्ति। ...
13-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जैसे बाप के स्नेही बने हो ऐसे बाप को साथी बनाओ तो माया दूर से ही मूर्छित हो जायेगी। तो साथी को सदा साथ रखो, साथ की शक्ति से वा मिलन में मगन रहने से मायाजीत, जगतजीत बन जायेंगे। - ॐ शान्ति। ...
12-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
यादगार में योगी के मस्तक पर तीसरा नेत्र दिखाते हैं। आप सच्चे योगी बच्चे भी अपने मस्तक द्वारा तीसरे नेत्र का साक्षात्कार कराने के लिए सदा बुद्धि द्वारा एक बाप के संग में रहो। एक बाप दूसरे हम, तीसरा न कोई, जब ऐसी स्थिति होगी तब तीसरे नेत्र का...
10-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जो वायदा है कि साथ रहेंगे, साथ चलेंगे और साथ में राज्य करेंगे - इस वायदे को तभी निभा सकेंगे जब साथी के समान बनेंगे। समानता आयेगी समर्पणता से। जब तक किसी का भी अधिकार है तो सर्व समर्पण में कमी है इसलिए समान नहीं बन सकते। तो साथ...
9-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सम्पूर्ण कर्मातीत बनने में व्यर्थ संकल्पों के तूफान ही विघ्न डालते हैं। इस व्यर्थ संकल्पों की कम्पलेन को समाप्त करने के लिए अपने मन को हर समय बिज़ी रखो। इससे समय सफल हो जायेगा और व्यर्थ की कम्पलेन खत्म हो जायेगी। - ॐ शान्ति। ...
8-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
अपना तथा दूसरों का जीवन हीरे जैसा बनाने की सेवा करते रहना है। टाइम, मनी, एनर्जी बरबाद नहीं करना है।दूसरों का कल्याण करने के साथ-साथ अपना भी कल्याण करना है। बुद्धि रूपी झोली में ज्ञान रत्न धारण कर दान भी करना है। - ॐ शान्ति। ...
7-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
“मुख्य है ही पवित्रता। अगर पवित्र नहीं बनेंगे तो नॉलेज बुद्धि में ठहर नहीं सकती। योग सीखते-सीखते अगर पतित बन गये तो सब कुछ मिट्टी में मिल जायेगा। जो जितना पढ़ेंगे, पवित्र बनेंगे उतना धनवान बनेंगे। - 🕉 शान्ति।...
6-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
स्वयं को सदा विजयी रत्न समझकर हर संकल्प और कर्म करो तो कभी भी हार हो नहीं सकती। मास्टर सर्वशक्तिमान् कभी हार नहीं खा सकते।अपने सम्पूर्ण स्वरूप को धारण करने की प्रतिज्ञा करो तो विजयी बन जायेंगे। - ॐ शान्ति। ...