11-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – जीते जी मरजीवा बनो”
जो बच्चे बाप को पहचान कर दिल से एक बार भी “मेरा बाबा'' कहते हैं तो रहम के सागर बापदादा ऐसे बच्चों को रिटर्न में पदमगुणा उसी रूहानी प्यार से देखते हैं। रहम और स्नेह की दृष्टि उन्हें सदा आगे बढ़ाती रहती है। यही रूहानी मेरे पन की स्मृति...