Tag: दैनिक मुरली

12-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सदा सेफ रहने का स्थान-दिलाराम बाप का दिलतख्त है। सदा इसी स्मृति में रहो कि हमारा ही यह श्रेष्ठ भाग्य है जो भगवान के दिलतख्त-नशीन बन गये। जो परमात्म दिल में समाया हुआ अथवा दिलतख्तनशीन है वह सदा सेफ है। - ॐ शान्ति। ...

11-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सेना में जो सैनिक होते हैं वह कभी भी अलबेले नहीं रहते, सदा अटेन्शन में अलर्ट रहते हैं। आप भी पाण्डव सेना हो इसमें जरा भी अबेलापन न हो। अटेन्शन एक नेचुरल विधि बन जाए। नेचुरल अटेन्शन अपनी नेचर बनाओ। अटेन्शन रखने से स्वत: स्मृति स्वरूप बन जायेंगे, विस्मृति...

9-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

कई बच्चे वर्तमान समय कर्मो की गति के ज्ञान में बहुत इजी हो गये हैं इसलिए छोटे-छोंटे पाप होते रहते हैं। यह छोटे-छोटे पाप सम्पूर्ण स्थिति को प्राप्त करने में विघ्न रूप बनते हैं इसलिए कर्मो की गति को जानकर पापों से मुक्त बन सिद्धि स्वरूप बनो। -ॐ शान्ति।...

8-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जैसे साइन्स के साधन से खराब माल को भी परिवर्तन कर अच्छी चीज़ बना देते हैं। ऐसे आप साइलेन्स की शक्ति से बुरी बात वा बुरे संबंध को बुराई से अच्छाई में परिवर्तन कर दो। ऐसे शुभ भावना सम्पन्न बन जाओ जो आपके श्रेष्ठ संकल्प से अन्य आत्मायें भी...

7-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो प्रसन्नचित आत्मायें हैं वे स्व के संबंध में वा सर्व के संबंध में, प्रकृति के संबंध में, किसी भी समय, किसी भी बात में संकल्प-मात्र भी क्वेश्चन नहीं उठायेंगी।प्रसन्नचित आत्मा के संकल्प में हर कर्म को करते, देखते, सुनते, सोचते यही रहता है कि जो हो रहा है...

6-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

बापदादा द्वारा सब बच्चों को अखुट खजाने मिले हैं। जिसने अपने पास जितने खजाने जमा किये हैं उतना उनकी चलन और चेहरे में वह रूहानी नशा दिखाई देता है, जमा करने का रूहानी फखुर अनुभव होता है। क्योंकि जहाँ फखुर है वहाँ फिक्र नहीं रह सकता। जो ऐसे बेफिक्र...

5-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

संगमयुग पर आप बच्चे सबसे अधिक खुशनसीब हो, क्योंकि स्वयं भगवान ने आपको पसन्द कर लिया। बेहद के मालिक बन गये। यह है बेहद का रूहानी नशा, इसका अनुभव करते और कराते रहो तब कहेंगे खुशनसीब। - ॐ शान्ति। ...

4-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सारे दिन में जो व्यर्थ संकल्प, व्यर्थ बोल, व्यर्थ कर्म और व्यर्थ सम्बन्ध-सम्पर्क होता है उस व्यर्थ को समर्थ में परिवर्तन कर दो। होलीहंस बन व्यर्थ को समर्थ में परिवर्तन कर दो तो फीलिंग प्रूफ बन जायेंगे। कोई गाली दे, गुस्सा करे, आप उसको शान्ति का शीतल जल दो,...

3-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.रिवाइज:13/03/90.

स्व परिवर्तन करना ही शुभ चिंतक बनना है। इसलिए स्वयं को कायदे प्रमाण चलाते हुए स्व का परिवर्तन करो, इसी में ही फायदा है। बाहर से कोई फायदा भल दिखाई न दे लेकिन अन्दर से हल्कापन और खुशी की अनुभूति होती रहेगी।- ॐ शान्ति। ...