12-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप उस्ताद ने तुम्हें मनुष्य से देवता बनने का हुनर सिखलाया है”
अन्तिम समय में जब कमजोर आत्मायें आप सम्पूर्ण आत्माओं द्वारा प्राप्ति का थोड़ा भी अनुभव करेंगी तो यही अन्तिम अनुभव के संस्कार लेकर आधाकल्प के लिए अपने घर में विश्रामी होंगी और फिर द्वापर में भक्त बन आपका पूजन और गायन करेंगी। यह सेकण्ड का शक्तिशाली स्थिति द्वारा किया...
10-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हारा यह मरजीवा जन्म है – तुम ईश्वर बाप से वर्सा ले रहे हो”
जैसे साइन्स के साधनों द्वारा दूर की हर वस्तु समीप अनुभव होती है, ऐसे दिव्य बुद्धि द्वारा दूर की वस्तु समीप अनुभव कर सकते हो।सिर्फ इसके लिए मास्टर सर्वशक्तिमान, सम्पन्न और सम्पूर्ण स्थिति में स्थित रहो और संकल्प शक्ति को स्वच्छ बनाओ। - ओम् शान्ति।...
9-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मरजीवा बने हो तो सब कुछ भूल जाओ”
आप अनेक आत्माओं के उमंग-उत्साह को बढ़ाने के निमित्त बच्चे कभी भी मैं पन में नहीं आना। मैंने किया, नहीं। बाबा ने निमित्त बनाया। मैं के बजाए मेरा बाबा, मैने किया, मैने कहा, यह नहीं। बाबा ने कराया, बाबा ने किया तो सफलतामूर्त बन जायेंगे। जितना आपके मुख से...
8-1-2023 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 23-4-1993: “निश्चयबुद्धिभव – अमरभव”
बेफिक्र रहने की बादशाही सब बादशाहियों से श्रेष्ठ है। भाग्य विधाता भगवान ने आपके मस्तक पर श्रेष्ठ भाग्य की लकीर खींच दी, बेफिक्र बादशाह हो गये। तो सदा अपने मस्तक पर श्रेष्ठ भाग्य की लकीर देखते रहो - वाह मेरा श्रेष्ठ ईश्वरीय भाग्य, इसी फ़खुर में रहो तो सब...
6-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप आये हैं ज्ञान से गति सद्गति करने”
जो बच्चे कर्मेन्द्रियों के वश होकर कहते हैं कि आज आंख ने, मुख ने वा दृष्टि ने धोखा दे दिया, तो धोखा खाना अर्थात् दु:ख की अनुभूति होना। लेकिन जो स्वदर्शन चक्रधारी बच्चे हैं वह कभी किसी धोखे के चक्कर में नहीं आ सकते। वह तो दु:ख के चक्करों...
5-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप आये हैं ज्ञान से गति सद्गति करने”
सदा यह नशा रखो कि बेहद बाप और बेहद वर्से का बालक सो मालिक हूँ लेकिन जब कोई राय देनी है, प्लैन सोचना है, कार्य करना है तो मालिक होकर करो और जब मैजॉरिटी द्वारा या निमित्त बनी आत्माओं द्वारा कोई भी बात फाइनल हो जाती है तो उस...
4-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम लकी सितारे हो क्योंकि स्वयं ज्ञान सूर्य बाप तुम्हें सम्मुख पढ़ा रहे हैं”
जैसे अमृतवेले उठने की आज्ञा है तो उठकर बैठ जाते हैं लेकिन विधि से सिद्धि को प्राप्त नहीं करते, स्वीट साइलेन्स के साथ निद्रा की साइलेन्स मिक्स हो जाती है। ऐसी छोटी-छोटी अवज्ञायें मन को भारी कर देती हैं। अब इन्हें समाप्त कर आज्ञाकारी चरित्र का चित्र बनाओ तब...
3-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “यह सृष्टि वा जमाना दु:ख का है इससे नष्टोमोहा बनो”
आज्ञाकारी अर्थात् बापदादा के आज्ञा रूपी कदम पर कदम रखने वाले। ऐसे आज्ञाकारी को ही सर्व संबंधों से परमात्म दुआयें मिलती हैं। यह भी नियम है। यह तो परमात्म दुआयें हैं जो आज्ञाकारी आत्माओं को सदा डबल लाइट बना देती हैं। - ओम् शान्ति।...
2-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें बेहद का बाप सारी पुरानी दुनिया का संन्यास सिखलाते हैं”
जैसे आजकल की दुनिया में बड़ी पोजीशन वाले अपने कार्य की दिनचर्या को समय प्रमाण सेट करते हैं ऐसे आप जो विश्व के नव निर्माण के आधारमूर्त हो, बेहद ड्रामा के अन्दर हीरो एक्टर हो, हीरे तुल्य जीवन वाले हो, आप भी अपने मन और बुद्धि को समर्थ स्थिति...
01-1-2023 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 26-3-1993: “अव्यक्त वर्ष में लक्ष्य और लक्षण को समान बनाओ”
आप बच्चे मरजीवा बने ही हो सदा सन्तुष्ट रहने के लिए। जहाँ सन्तुष्टता है वहाँ सर्वगुण और सर्वशक्तियां हैं क्योंकि रचयिता को अपना बना लिया, तो बाप मिला सब कुछ मिला। सर्व इच्छायें इक्ट्ठी करो उनसे भी पदमगुणा ज्यादा मिला है। उसके आगे इच्छायें ऐसे हैं जैसे सूर्य के...