Tag: ईष्वरीय ज्ञान

25-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – बाप को याद करने की खूब मेहनत करो”

एक दो के साथ सम्बन्ध वा सम्पर्क में आते हर एक की विशेषता को देखो। विशेषता देखने की ही दृष्टि धारण करो। जैसे आजकल का फैशन और मजबूरी चश्मे की है। तो विशेषता देखने वाला चश्मा पहनो। तो विशेषता के चश्में द्वारा कीचड़ को न देख कमल को देखने...

23-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – तुम्हें श्रीमत है घर गृहस्थ में रहते पवित्र बनो दोनों तरफ तोड़ निभाओ”

जितना-जितना अपनी विशेषताओं को मन्सा सेवा वा वाणी और कर्म की सेवा में लगायेंगे तो वही विशेषता विस्तार को पाती जायेगी। सेवा में लगाना अर्थात् एक बीज से अनेक फल प्रगट करना। इस श्रेष्ठ जीवन में जो जन्म सिद्ध अधिकार के रूप में विशेषतायें मिली हैं उनको, सेवा की...

21-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – बाप की दुआयें लेनी हैं तो हर कदम श्रीमत पर चलो चाल-चलन अच्छी रखो”

आप बच्चों के बोल ऐसे हों जो सुनने वाले चात्रक हों कि यह कुछ बोलें और हम सुनें - इसको कहा जाता है अनमोल महावाक्य। आप सतगुरू के बच्चे मास्टर सतगुरू हो इसलिए आपका एक-एक बोल महावाक्य हो। जिस समय जिस स्थान पर जो बोल आवश्यक है, युक्तियुक्त है,...

20-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम पीस स्थापन करने के निमित्त हो इसलिए बहुत-बहुत पीस में रहना है”

कई बच्चे हंसी-मजाक बहुत करते हैं और उसे ही रमणीकता समझते हैं। वैसे रमणीकता का गुण अच्छा माना जाता है लेकिन व्यक्ति, समय, संगठन, स्थान, वायुमण्डल के प्रमाण रमणीकता अच्छी लगती है। इसलिए हंसीमजाक अच्छा वह है जिसमें रूहानियत हो और उस आत्मा का फ़ायदा हो, सीमा के अन्दर...

19-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें तो देही-अभिमानी बन एक विदेही बाप को याद करना है”

दुनिया में जो बड़े आदमी होते हैं उनकी दिनचर्या सेट होती है। कोई भी कार्य एक्यूरेट तब होता है जब दिनचर्या की सेटिंग हो। सेटिंग से समय, एनर्जी सब बच जाते हैं, एक व्यक्ति 10 कार्य कर सकता है। तो आप विश्व कल्याणकारी जिम्मेवार आत्मायें,हजार भुजाओं वाला बाप आपके...

17-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें निराकार बाप से पढ़कर राजाओं का राजा बनना है”

बाहयमुखता अर्थात् व्यक्ति के भाव-स्वभाव और व्यक्त भाव के वायब्रेशन, संकल्प, बोल और संबंध, सम्पर्क द्वारा एक दो को व्यर्थ की तरफ उकसाने वाले, सदा किसी न किसी प्रकार के व्यर्थ चिन्तन में रहने वाले, आन्तरिक सुख, शान्ति और शक्ति से दूर.....यह बाह्यमुखता के रस भी बाहर से बहुत...

16-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “जितना-जितना दूसरों को ज्ञान सुनायेंगे उतना तुम्हारी बुद्धि में ज्ञान रिफाइन होता जायेगा”

नम्बरवन में आने के लिए एकरस और निरन्तर खुशी की अनुभूति करते रहो, किसी भी झमेले में नहीं जाओ। झमेले में जाने से खुशी का झूला ढीला हो जाता है फिर तेज नहीं झूल सकते इसलिए सदा और एकरस खुशी के झूले में झूलते रहो। बापदादा द्वारा सभी बच्चों...

14-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप आये हैं तुम्हारी काया कल्प वृक्ष समान बनाने”

सदा सुख के सागर बाप की स्मृति में रहो तो सुख स्वरूप बन जायेंगे। चाहे दुनिया में कितना भी दु:ख अशान्ति का प्रभाव हो लेकिन आप न्यारे और प्यारे हो, सुख के सागर के साथ हो इसलिए सदा सुखी, सदा सुखों के झूले में झूलने वाले हो। सब रस्सियां...

13-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “पुरानी दुनिया के सुखों से बुद्धि हटा देनी है – अपनी मत पर नहीं चलना है”

जैसे बाप का सबसे बड़े से बड़ा टाइटल है वर्ल्ड सर्वेन्ट। वैसे बच्चे भी वर्ल्ड सर्वेन्ट अर्थात् सेवाधारी हैं। सेवाधारी अर्थात् त्यागी और तपस्वी। जहाँ त्याग और तपस्या है वहाँ भाग्य तो उनके आगे दासी के समान आता ही है। सेवाधारी देने वाले होते हैं, लेने वाले नहीं इसलिए...

12-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप उस्ताद ने तुम्हें मनुष्य से देवता बनने का हुनर सिखलाया है”

अन्तिम समय में जब कमजोर आत्मायें आप सम्पूर्ण आत्माओं द्वारा प्राप्ति का थोड़ा भी अनुभव करेंगी तो यही अन्तिम अनुभव के संस्कार लेकर आधाकल्प के लिए अपने घर में विश्रामी होंगी और फिर द्वापर में भक्त बन आपका पूजन और गायन करेंगी। यह सेकण्ड का शक्तिशाली स्थिति द्वारा किया...